करूर भगदड़ में 40 मौतों का जिम्मेदार कौन? पावर कट पर घिरी तमिलनाडु सरकार की आई सफाई

तमिलनाडु के करूर में थलपति विजय की रैली के दौरान भगदड़ में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है जबकि 60 से ज्यादा घायल हैं. अब बिजली कटौती को लेकर विवाद छिड़ गया है. राज्य सरकार ने बिजली कटौती के दावे को खारिज करते हुए कहा कि लाइट मंद होना जेनरेटर की समस्या थी और कोई बिजली कटौती नहीं हुई थी.

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चश्मदीदों और विजय की पार्टी ने आधे घंटे की बिजली कटौती का दावा किया था जिसे सरकार ने खारिज कर दिया है. (Photo: PTI) चश्मदीदों और विजय की पार्टी ने आधे घंटे की बिजली कटौती का दावा किया था जिसे सरकार ने खारिज कर दिया है. (Photo: PTI)

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 29 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST

तमिलनाडु के करूर में एक्टर थलपति विजय की रैली के दौरान शनिवार को हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है. 60 से अधिक लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से कम से कम दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसे हाल के वर्षों में राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक त्रासदियों में से एक माना जा रहा है.

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इस बीच बिजली कटौती को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. पीड़ितों और विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) का आरोप है कि शनिवार शाम 7 से 7:30 बजे के बीच विजय के आने पर करीब आधे घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बनी.

सरकार ने खारिज किया बिजली कटौती का दावा
 
अब राज्य सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया है. तमिलनाडु की फैक्ट-चेक टीम ने करूर कलेक्टर और एडीजीपी के हवाले से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कार्यक्रम में बिजली कटौती नहीं हुई. हालांकि TVK ने बिजली सप्लाई रोकने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. थोड़ी देर के लिए जो लाइट मंद हुईं, वह पार्टी की ओर से लगाए गए जेनरेटर की समस्या थी.' 

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विजय की पार्टी ने की सीबीआई जांच की मांग

सरकार का कहना है कि भीड़ को खतरनाक जगहों से हटाने के लिए थोड़े समय के लिए बिजली रोकी गई थी, लेकिन विजय के आने के बाद कोई कटौती नहीं हुई. हादसे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. TVK ने सीबीआई जांच की मांग की है और इसे साजिश बताया है. 

वहीं बीजेपी ने डीएमके सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस बीच विजय के करीबी सहयोगियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पार्टी ने मद्रास हाई कोर्ट में स्वतंत्र जांच की याचिका दायर की है. तमिलनाडु सरकार ने घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया है, जिसने पीड़ित परिवारों से बातचीत शुरू कर दी है और अस्पताल का दौरा भी किया है.

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