'CJI विपक्ष का नेता नहीं', PM मोदी को बुलाने की कंट्रोवर्सी पर बोले डीवाई चंद्रचूड़

डीवाई चंद्रचूड़ जब सीजेआई थे, उनके आवास पर गणपति पूजा में पीएम मोदी भी शामिल हुए थे. इसे लेकर हुई कंट्रोवर्सी पर पूर्व सीजेआई ने अब कहा है कि सीजेआई विपक्ष का नेता नहीं है. उन्होंने साल 2014 में तब के यूपी सीएम के अपने आवास पर आने का उदाहरण भी दिया.

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पूर्व सीजेआई ने 2014 में यूपी के सीएम के अपने आवास आने का किया उल्लेख (Photo: ITG) पूर्व सीजेआई ने 2014 में यूपी के सीएम के अपने आवास आने का किया उल्लेख (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST

इंडिया टुडे ग्रुप के आयोजन इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई के मंच पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ थे. उन्होंने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूजा में बुलाने से लेकर फैसलों को लेकर सोशल मीडिया पर उठे सवालों तक, खुलकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी को अपने घर पूजा में बुलाने पर हुई आलोचना को लेकर सवाल पर पूर्व सीजेआई ने कहा कि सीजेआई विपक्ष का नेता नहीं, सिस्टम का ही अंग है.

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उन्होंने कहा कि मुझे कोई संकोच नहीं है कि मैं हिंदू हूं. संविधान किसी धर्म के विरोध की बात नहीं करता. पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जज किसी भी धर्म का हो, वह जब कोर्ट जाता है तो जस्टिस ही करता है. उन्होंने आगे कहा कि जहां तक पीएम मोदी को आमंत्रित करने के लिए आलोचना की बात है, तो सीजेआई विपक्ष के नेता नहीं हैं. वह भी सिस्टम के अंग हैं और यह एक शिष्टाचार है.

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पूर्व सीजेआई ने कहा कि साल 2014 में मेरी माता जी का निधन हुआ था. तब मैं इलाहाबाद में था. उन्होंने कहा कि 2014 में जो यूपी के सीएम थे, वह भी तब मेरे आवास आए थे और मुलाकात कर शोक व्यक्त किया था. यह कर्टशी है. पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि मैं हिंदू हूं और मुझे मेरा धर्म किसी भी धर्म की प्रार्थना की इजाजत देता है. उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर क्वालिटी नियुक्तियां हो रही हैं, युवा आ रहे हैं, महिलाएं आ रही हैं.

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पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कॉलेजियम और नेपोटिज्म के सवाल पर कहा कि लेबल पर जाने की बजाय काम की क्वालिटी पर जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी बात है, 45 साल की उम्र में हाईकोर्ट का जज बना. 16 साल हाईकोर्ट में रहा और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में चार साल तक केस देखे. चंद्रचूड़ ने कहा कि उम्र का टैलेंट से कोई संबंध नहीं होता. चंद्रचूड़ ने हाईकोर्ट में जज की नियुक्ति के लिए 45 साल की उम्र के प्रावधान की भी चर्चा की.

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