कोलकाता में RG Kar मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले पर डॉक्टरों की हड़ताल अभी-भी जारी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जूनियर डॉक्टरों को दी डेडलाइन खत्म हो चुकी है. अदालत ने आज शाम 5 बजे तक जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन डॉक्टरों अपनी पांच मांगें नहीं माने-जाने तक काम पर नहीं लौटने के अपने फैसले पर कायम हैं. सूत्रों के मुताबिक, बंगाल सरकार ने छात्रों से बातचीत के लिए संपर्क किया है.
आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म करने के लिए पांच मांगें रखीं हैं. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी ये पांच मांगें नहीं मानी जाएंगी, वे हड़ताल जारी रखेंगे. इन पांच मांगों में बंगाल के स्वास्थ्य सचिव और कोलकाता पुलिस चीफ का इस्तीफा भी शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक, बंगाल सरकार ने छात्रों को ईमेल भेजकर बातचीत करने के लिए कहा है. ममता बनर्जी ने 10 प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है. बता दें कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के काम पर लौटने की डेडलाइन पहले ही बीत चुकी है.
कोलकाता में डॉक्टरों के मार्च से जुड़े अपडेट यहां पढ़ें:-
-बंगाल सरकार ने बातचीत के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया है. सूत्रों के मुताबिक, बंगाल सरकार ने छात्रों को ईमेल भेजकर बातचीत करने के लिए कहा है. ममता बनर्जी ने 10 प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है. बता दें कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के काम पर लौटने की डेडलाइन पहले ही बीत चुकी है.
-सुप्रीम कोर्ट का अल्टीमेटम खत्म, काम पर नहीं लौटे जूनियर डॉक्टर
- RG KAR मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल वित्तीय अनियमितता मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने हिरासत पूरी होने के बाद अदालत में किया पेश.
- जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम यहीं धरना-प्रदर्शन करेंगे: जूनियर डॉक्टर.
- डॉक्टरों की रैली को स्वास्थ्य भवन के सामने रोका, पुलिस ने पूरे इलाके में की बैरिकेडिंग.
- आरजी कर हॉस्पिटल के डॉक्टरों की पांच मांगों में बंगाल के स्वास्थ्य सचिव का इस्तीफा, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (DHE) का इस्तीफा, कोलकाता पुलिस चीफ का इस्तीफा, राज्य के हर मेडिकल कॉलेज में पेशेंट सर्विस शुरू करना और अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगवाना, मरीजों की सेवाओं में सुधार शामिल हैं.
-प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर साल्ट लेक में बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के भवन तक रैली निकाल रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले की जल्द से जल्द जांच कर इसके मोटिव के बारे में जानकारी सार्वजनिक की जाए. इन डॉक्टरों ने आज शाम पांच बजे तक इन अधिकारियों को पद से हटाने का अल्टीमेटम दिया है.
- डॉक्टरों की रैली को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग की है. एक डॉक्टर का कहना है कि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई हैं और पीड़िता को न्याय नहीं मिला है. हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और काम पर नहीं लौटेंगे. हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य सचिव और डीएचई इस्तीफा दें.
- डॉक्टरों का कहना है कि घटना के 30 दिन बाद भी राज्य सरकार ने आंदोलन की मुख्य मांगों को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है. सारा दोष सीबीआई जांच पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस की लापरवाही या स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की अगुवाई में हजारों जूनियर डॉक्टर्स सड़कों पर उतरे हुए हैं. ये पीड़ित डॉक्टर के लिए इंसाफ के साथ-साथ डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के तहत लगभग 7000 डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं. इस ग्रुप का कहना है कि उनकी मांगें माने जाने के बाद ही वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेंगे. जूनियर डॉक्टर्स के प्रोटेस्ट के प्रवक्ता डॉ. शुभेंदु मलिक का कहना है कि हमने इस घटना के बाद अस्पताल में एक सीसीटीवी कैमरा लगते नहीं देखा. अस्पताल में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग रेस्टरूम या अलग-अलग शौचालय नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि डॉक्टर वापस काम पर लौटें और हम उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी परिस्थितियां बनाई जाएं, जिसमें अलग-अलग ड्यूटी रूम, शौचालय की सुविधा, सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था शामिल है. डॉक्टरों को सबसे पहले काम पर लौटना चाहिए और उन्हें काम पर वापस आकर अपना काम पूरा करना चाहिए.
दरअसल, कोलकाता रेप-मर्डर मामले के एक महीने बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की थी. सीबीआई ने जांच पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट पीठ को सौंपी थी. बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात को एक लेडी डॉक्टर के साथ दरिंदगी हुई थी. इस घटना के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हुए थे. तब से डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं.
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