अस्पताल में चलते- चलते हुई डिलीवरी, गिरने से नवजात की मौत...डॉक्टरों ने भर्ती से किया था इंकार

कर्नाटक के रणेबेन्नूर इलाके में जिला अस्पताल में लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को वार्ड भरा होने के कारण भर्ती नहीं किया गया. आरोप है कि महिला ने अस्पताल के कॉरिडोर में बच्चे को जन्म दिया और अचानक गिरने से उसकी मौत हो गई. मामले ने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जिला सर्जन ने जांच के आदेश दिए हैं.

Advertisement
अस्पताल में चलते- चलते डिलीवरी, गिरने से नवजात की मौत (Photo: Representational image) अस्पताल में चलते- चलते डिलीवरी, गिरने से नवजात की मौत (Photo: Representational image)

aajtak.in

  • हावेरी,
  • 20 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

कर्नाटक के हावेरी में जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कथित लापरवाही के कारण एक नवजात की मौत का मामला सामने आया है. घटना मंगलवार सुबह हुई, जब  रणेबेन्नूर के पास स्थित काकोल गांव की रहने वाली 30 वर्षीय रूपा करबन्ननवर लेबर पेन के साथ अस्पताल पहुंचीं. परिवार का आरोप है कि गंभीर स्थिति के बावजूद उन्हें डिलीवरी वार्ड में इसलिए भर्ती नहीं किया गया क्योंकि वहां सभी बेड भरे हुए थे.

Advertisement

परिजनों ने बताया कि प्रसव पीड़ा बढ़ने के बावजूद उन्हें वार्ड के बाहर फर्श पर बैठा दिया गया. उनका कहना है कि लेबर रूम में भीड़ थी और स्टाफ ने किसी तरह की तत्काल सहायता देने से इनकार कर दिया. रूपा की बहन ने बताया कि स्टाफ से कई बार मदद की गुहार लगाने के बाद भी कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया.

इसी दौरान, रूपा शौचालय की ओर जा रही थीं, तभी अचानक कॉरिडोर में ही बच्चे का जन्म हो गया. जन्म के ठीक बाद नवजात जमीन पर गिर गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. यह दृश्य देखने वाले कई मरीज और परिजन सदमे में आ गए.

घटना के बाद परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि यदि समय पर बेड और मेडिकल सहायता मिल जाती, तो बच्चे की जान बच सकती थी. परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की.

Advertisement

जिला सर्जन पी.आर. हवाणूर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी गठित कर दी गई है. समिति में डिप्टी कमिश्नर, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, तकनीकी विशेषज्ञ और जिला सर्जन शामिल होंगे. हवाणूर ने कहा कि प्रारंभिक जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यह घटना राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है. स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रसूति सेवाओं में स्टाफ की कमी और अव्यवस्था के कारण गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में पड़ती है. उन्होंने सरकार से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है. परिवार ने नवजात की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए न्याय की गुहार लगाई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी.
 
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement