'मां-बाप की मर्जी के बिना शादी करने वालों को नहीं मिलेगी सुरक्षा...', इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने एक प्रेमी जोड़े की ओर से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी इच्छा से शादी करने वालों को पुलिस सुरक्षा का अधिकार नहीं है. सुरक्षा केवल तभी दी जा सकती है, जब उनके जीवन या स्वतंत्रता को किसी तरह का खतरा हो. 

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:36 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना है कि माता-पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी करने वाले प्रेमी जोड़े पुलिस सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोग तब तक पुलिस सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते, जब तक उनके जीवन और स्वतंत्रता को असल खतरा नहीं हो.

जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने एक प्रेमी जोड़े की ओर से सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी इच्छा से शादी करने वालों को पुलिस सुरक्षा का अधिकार नहीं है. सुरक्षा केवल तभी दी जा सकती है, जब उनके जीवन या स्वतंत्रता को किसी तरह का खतरा हो. 

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कोर्ट ने कहा कि अदालत किसी भी कपल को उचित मामले में सिक्योरिटी मुहैया करा सकती है लेकिन अगर उनके समक्ष किसी तरह का खतरा नहीं है तो उन्हें एक-दूसरे का सपोर्ट करना और समाज का सामना करना सीखना चाहिए. कोर्ट ने दस्तावेजों और बयानों की जांच के बाद पाया कि जोड़े को कोई गंभीर खतरा नहीं है इसलिए याचिका का निपटारा कर दिया.

बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि उनके परिवार वाले उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप कर रहे हैं. यह फैसला उन जोड़ों के लिए महत्वपूर्ण है, जो माता-पिता की सहमति के बिना शादी करते हैं.

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