अटल सेतु पर डकैती के आरोपी को मिली जमानत, जानिए क्या है मामला 

अटल सेतु पर सेल्फी लेने के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया था. पीड़ित की कार से थोड़ा आगे खड़ी दो कारों में सवार छह लोगों ने उनके शोर मचाने पर आपत्ति जताई. इसके बाद दोनों के बीच गाली-गलौज शुरू हो गई. फिर पीड़ित वहां से चले गए. आरोपियों ने कार रोककर उनके मोबाइल, पैसे और कार की चाभी छीन ली थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

विद्या

  • मुंबई ,
  • 14 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:57 PM IST

मुंबई की एक अदालत ने 20 साल के एक युवक को जमानत दे दी है. वह उन छह लोगों में से एक था, जिन पर अटल सेतु पर डकैती करने का आरोप लगाया गया था. जनवरी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया था. मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले अटल सेतु को जनता के लिए खोल दिया गया था. 

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इसके ठीक एक महीने बाद 11 फरवरी को अटल सेतु पर कार पार्क कर सेल्फी लेने को लेकर विवाद में छह लोगों के खिलाफ डकैती की एफआईआर दर्ज की गई थी. शिकायतकर्ता के अनुसार, वह 11 और 12 फरवरी की मध्यरात्रि को अपने भाई और दोस्त के साथ घूमने के लिए अपनी कार से अटल सेतु गया था. 

रात करीब 2 बजे उसने कार रोकी और सेल्फी लेने के लिए नीचे उतरा. जब वे वहां आनंद ले रहे थे, तभी उनसे थोड़ा आगे खड़ी दो कारों में सवार छह लोगों ने उनके शोर मचाने पर आपत्ति जताई. इसके बाद दोनों के बीच गाली-गलौज शुरू हो गई. इसके बाद शिकायतकर्ता और उसके साथ आए लोग वहां से चले गए.

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छीना था फोन, पैसे और कार की चाभी  

आरोप है कि इसके बाद आरोपी ने शिकायतकर्ता की कार का पीछा किया और उसे रोक लिया. आरोपियों ने लोहे की रॉड से शिकायतकर्ता और उसके साथ आए लोगों पर हमला किया. जब शिकायतकर्ता के दोस्त ने घटना का वीडियो शूट करने की कोशिश की, तो एक आरोपी ने फोन छीन लिया.

फोन के कवर के अंदर रखे करीब 3,500 रुपये नकद भी छीन लिए. आरोपियों ने कार की इग्निशन चाभी भी छीन ली थी. शिकायतकर्ता के आरोपों के आधार पर पुलिस ने लूट, डकैती, गलत तरीके से रोकने और अन्य संबंधित धाराओं के तहत सेवरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था. 

आरोपी के वकील ने कोर्ट में दी ये दलील 

आरोपियों में से एक की ओर से पेश वकील शब्बीर शोरा ने कहा कि 20 साल के युवक से पहले ही हिरासत में पूछताछ की जा चुकी है. उन्होंने कहा, ‘आरोपी के कब्जे से कुछ भी जब्त या बरामद नहीं किया जाना है. लिहाजा, आरोपी को सलाखों के पीछे रखने का कोई मतलब नहीं है. वह सांताक्रूज का स्थायी निवासी है. इसलिए उसके भागने का खतरा भी नहीं है.’ 

जज ने इस आधार पर दे दी जमानत 

अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का विरोध किया. मगर, न्यायाधीश राजेश सासने कहा कि 20 साल के युवक के खिलाफ घटना के दौरान कार चलाने का आरोप है, जबकि कार भी पहले ही जब्त कर ली गई है. आरोपी एक युवा लड़का है, जिसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. लिहाजा, इन परिस्थितियों में आरोपी को आगे कैद करना अनुचित है. यदि उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उचित शर्तें लगाई जाती हैं, तो वह जमानत का हकदार होगा.

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