राज्यपाल पर बरसे उद्धव- 'काली टोपी' के नीचे दिमाग है तो भागवत का भाषण सुन लें

उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज राज्यपाल से मोहन भागवत के भाषण को सुनने के लिए कहते हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब मंदिरों में की जाने वाली पूजा नहीं है और आप हमसे कह रहे हैं कि अगर आपने मंदिर नहीं खोले तो आप धर्मनिरपेक्ष बन रहे हैं.

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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (फाइल फोटो)

सौरभ वक्तानिया

  • मुंबई,
  • 25 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST
  • दशहरा रैली जमकर बरसे उद्धव ठाकरे
  • कहा- ताली-थाली बजाना हिंदुत्व नहीं
  • हमारा हिंदुत्व और उनका स्वरूप अलग है

शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर जमकर बरसे. अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने उन्हें 'काली टोपी' वाला कहकर संबोधित किया. 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज राज्यपाल से मोहन भागवत के भाषण को सुनने के लिए कहते हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब मंदिरों में की जाने वाली पूजा नहीं है और आप हमसे कह रहे हैं कि अगर आपने मंदिर नहीं खोले तो आप धर्मनिरपेक्ष बन रहे हैं. अगर आप 'काली टोपी' के नीचे कुछ दिमाग रखते हैं, तो मुख्य भाषण को सुनें. 

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उद्धव ने कहा कि हम हमेशा से चाहते थे कि मोहन भागवत हमारे देश के राष्ट्रपति बनें, लेकिन वो ऐसा नहीं चाहते. वो हिंदुत्व पर मुझे निशाना बनाते रहते हैं. वो मुझसे पूछते हैं कि मैं मंदिर क्यों नहीं खोल रहा हूं. जब बाबरी मस्जिद ध्वस्त हुआ था तो सामने से केवल शिवसेना लड़ रही थी. हमारा हिंदुत्व और उनका स्वरूप बिल्कुल अलग है. घंटी बजाना या थाली बजाना हिंदुत्व नहीं है, इससे कोरोना भी नहीं जाएगा. 

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उद्धव ठाकरे ने कहा, "महाराष्ट्र में बीफ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. गोवा में इस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया है? इस तरह के दोहरे मापदंड क्यों हैं? कहने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मैं सभी पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. 

बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वो मेरी सरकार को गिराना चाहते हैं, लेकिन मैं सूचित कर दूं कि पहले अपनी सरकार को बचाएं. मैं अपील करूंगा कि बिहार के लोग आपकी आंखें खोलें और वोट करें. उन्होंने कहा कि मैं मराठा, ओबीसी समुदाय के लिए न्याय चाहता हूं. मेरा सभी से अनुरोध है कि कोई बंटे नहीं, हमें महाराष्ट्र के लिए संयुक्त रहना है.
 

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