अमित शाह का 3 दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरा आज से, सुरक्षा-व्यवस्था और विकास कार्यों की करेंगे समीक्षा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का तीन दिवसी जम्मू-कश्मीर दौरा आज से शुरू हो रहा है. वह रविवार शाम को जम्मू पहुंचेंगे, जहां BJP विधायकों तथा पदाधिकारियों संग बैठक करेंगे. इसके बाद वह जम्मू में राजभवन में जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों के परिवार के सदस्यों से मिलेंगे और अनुकंपा के आधार पर चयनित कुछ लोगों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान करेंगे.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • श्रीनगर,
  • 06 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:46 AM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार से जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक अग्रिम चौकी का दौरा करेंगे और केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति और विकास पहलों की समीक्षा करेंगे.

अधिकारियों ने बताया कि अमित शाह रविवार शाम को जम्मू पहुंचेंगे और BJP विधायकों तथा पदाधिकारियों संग बैठक करेंगे. इसके अलावा वह अमरनाथ यात्रा की वार्षिक तीर्थयात्रा की दो अलग-अलग महत्वपूर्ण सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. 

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BSF के जवानों से करेंगे मुलाकात

समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अपने दौरे के दूसरे दिन सोमवार को वह कठुआ में बीएसएफ सीमा चौकी विनय का दौरा करेंगे और वहां की ग्राउंड स्थिति का आकलन करेंगे. इसके बाद वह जम्मू में राजभवन में जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीदों के परिवार के सदस्यों से मिलेंगे और अनुकंपा के आधार पर चयनित कुछ लोगों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान करेंगे.

इसके अगले दिन 8 अप्रैल को अमित शाह सबसे पहले श्रीनगर स्थित राजभवन में आयोजित बैठक में केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यक्रमों का जायजा लेंगे. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद वह श्रीनगर स्थित राजभवन में एक अन्य बैठक में भाग लेंगे, जहां जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की जाएगी.

राज्यसभा में साझा किए आंकड़े

वहीं, 21 मार्च को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर बहस का जवाब देते हुए उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 2004 से 2014 के बीच 7,217 आतंकवादी घटनाएं हुईं, लेकिन 2014 से 2024 तक ये संख्या घटकर 2,242 रह गई हैं.

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इस अवधि के दौरान कुल मौतों की संख्या में 70 प्रतिशत की कमी आई, नागरिकों की मौतों की संख्या में 81 प्रतिशत की कमी आई तथा सुरक्षाकर्मियों की हताहतों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी आई है. 

2010 से 2014 तक हर साल औसतन 2,654 संगठित पथराव की घटनाएं हुईं, लेकिन 2024 में ऐसी एक भी घटना नहीं हुई.

2010-14 के दौरान 132 संगठित हमले हुए, लेकिन 2024 में एक भी नहीं हुआ. पत्थरबाजी की घटनाओं में 112 नागरिक मारे गए और 6,000 घायल हुए, लेकिन अब पत्थरबाजी पूरी तरह बंद हो गई है.

2004 में 1,587 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जबकि 2024 में ये संख्या घटकर मात्र 85 रह गई है. शाह ने कहा कि 2004 में नागरिकों की मृत्यु की संख्या 733 थी, लेकिन 2024 में यह घटकर 26 हो जाएगी और सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 2004 में 331 से घटकर 2024 में 31 हो जाएगी.

'PM मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की रखी नींव'

गृह मंत्री ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में लोकतंत्र की नींव रखी, जबकि सरकार अब आतंकवादियों को देखते ही उनकी आंखों में गोली मारकर उनसे निपटती है.

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