खट्टर से मीटिंग में नहीं बनी बात, आज सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बड़ी बैठक, होगा आंदोलन पर फैसला

किसान नेताओं और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच हुई मुलाकात का कोई नतीजा नहीं निकला है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि बातचीत हुई लेकिन किसी बात पर सहमति नहीं बनी.

Advertisement
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि बातचीत में कोई सहमति नहीं बनी. (फाइल फोटो) गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि बातचीत में कोई सहमति नहीं बनी. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 04 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST
  • शाम 5 बजे से 9 बजे तक चली मीटिंग
  • लंबी मीटिंग में भी नहीं बनी सहमति

किसान नेताओं (Farm Leaders) ने शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar)  के घर पर लंबी मीटिंग की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने समेत किसानों की मांगों को लेकर हरियाणा सरकार ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था. 

चंडीगढ़ में शाम 5 बजे शुरू ये बैठक लगभग रात 9 बजे खत्म हुई. इतनी लंबी बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बन सकी. इस मीटिंग के हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chadhuni) ने कहा कि इतनी लंबी बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है. सरकार ने न तो नर्मी दिखाई और न ही गर्मी. 

Advertisement

उन्होंने बताया कि शनिवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukta Kisan Morcha) की बैठक में आगे की रणनीति पर फैसला होगा. ये बैठक सिंघु बॉर्डर पर होगी और इसमें किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आगे की रणनीति तय होगी.

ये भी पढ़ें-- आंदोलन पर किसान संगठनों में मतभेद? दर्शन पाल की टिकैत को नसीहत- जिम्मेदारी से बयान दें

उन्होंने बताया कि राज्य में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों, आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले और कुंडली बॉर्डर पर स्मारक बनाए जाए, ये हमारी मांगें है. 

ये पूछे जाने पर क्या मांगें पूरी नहीं हुई, इस पर चढ़ूनी ने कहा, 'हमें सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. बातचीत खत्म हो गई है और अब SKM की बैठक में आगे की रणनीति तय होगी.' सरकार के रवैये के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'न तो नरम था और न ही सख्त, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी है.'

Advertisement

इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि वो किसानों की मांगों से पर विचार करने के लिए नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित करेंगे. इसके बाद माना जा रहा था कि राज्य सरकार किसानों को लेकर कोई फैसला ले सकती है. हालांकि, किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई बातचीत बेनतीजा ही रही.

(इनपुटः ललित)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement