बिहार: तेजस्वी यादव ने ऐसा क्या बोला कि बिहार विधानसभा में हो गई हाथापाई?

तेजस्वी ने जैसे ही शराबबंदी पर एक शब्द ही बोला, कि सत्ता पक्ष की ओर से जोरदार नारेबाजी हुई क्योंकि विषय स्वास्थ्य था. इधर विपक्ष के विधायकों के साथ ही तेज प्रताप यादव भी गुस्से में नजर आ रहे थे. तेज प्रताप सत्ता पक्ष की ओर देखते हुए कड़े तेवरों में कुछ बोल रहे थे, उधर से सत्ता पक्ष के लोग भी जवाब दे रहे थे.

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बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पार्टी नेताओं के साथ (फोटो-आजतक) बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पार्टी नेताओं के साथ (फोटो-आजतक)

उत्कर्ष कुमार सिंह

  • पटना,
  • 13 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST
  • बिहार विधानसभा में अभूतपूर्व हंगामा
  • हाथापाई तक आ पहुंचा मामला
  • मार्शलों ने विधायकों को अलग कराया

शनिवार को बिहार विधानसभा में वो हुआ, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता और विपक्ष के विधायक आपस में ही उलझ गए. बात बहसबाजी से शुरू होकर हाथापाई तक पहुंच गई. मार्शलों को बीच बचाव करके विधायकों को एक दूसरे से अलग करना पड़ा.

दरअसल आज सुबह से ही विधानसभा में हंगामा हो रहा था. सदन आने से पहले ही तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस करके मंत्री रामसूरत राय पर मुजफ्फरपुर शराबकांड को लेकर गंभीर आरोप लगाए. सदन शुरू होने से ठीक पहले विपक्षी विधायकों ने मंत्री की बर्खास्तगी को लेकर विधानसभा में खूब नारेबाजी भी की.

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जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो तेजस्वी यादव मंत्री पर लगे आरोपों और उससे जुड़े दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखना चाहते थे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री रेणु देवी किसी सवाल का जवाब देने के लिए उठीं, लेकिन तेजस्वी के आग्रह के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति दी.

शुरुआत से ही थी तनातनी

हालांकि रेणु देवी अध्यक्ष की बातों को अनसुना कर अपना जवाब पढ़ती रहीं. इस दौरान विपक्ष खड़े होकर लगातार आपत्ति जताता रहा. उपमुख्यमंत्री के जवाब और आसन की बातों को अनसुना करने से नाखुश विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया और अध्यक्ष के चैंबर के बाहर जाकर धरने पर बैठकर काफी देर तक नारेबाजी करते रहे.

कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव वापस सदन में लौटे. इसी दौरान विपक्षी विधायकों की ओर से लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव को अध्यक्ष ने अमान्य कर दिया. नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष से गुजारिश की कि कम से कम प्रस्ताव को पढ़ने तो दिया जाए. मंजूरी मिलने के बाद विधायक रेखा देवी ने प्रस्ताव पढ़ा.

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इसके बाद तेजस्वी एक बार फिर मंत्री रामसूरत राय पर उनके पिता के नाम पर चलने वाले स्कूल का जिक्र करते हुए शराबकांड को लेकर आरोप लगाने लगे. इसी दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने खड़े होकर कहा कि इस तरह से सदन नहीं चलेगा, जो बातें आज के बिजनेस में तय हैं, सिर्फ उन्हीं पर बात होनी चाहिए.

तेजस्वी और तारकिशोर में तीखी बहस

इसके बाद तेजस्वी और तारकिशोर में तीखी बहस हुई. तेजस्वी यादव लगातार कह रहे थे कि चूंकि मंत्री पर ये आरोप लगे हैं, इसलिए इसकी गंभीरता को देखते हुए चर्चा होनी चाहिए. तेजस्वी के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक सदस्य के लिए सदन के नियम नहीं बदले जा सकते.

पहले रेणु देवी और फिर तारकिशोर प्रसाद के वाकए को लेकर विपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा. इसके बाद तेजस्वी यादव ने अपने विधायकों के साथ राजभवन मार्च किया, उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा BJP और JDU का दफ्तर बन चुका है.

विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर मंत्रियों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित करने और सदन का अपमान करने का आरोप लगाया. इस दौरान राज्यपाल से समय मिलने से पहले विपक्षी नेता काफी देर तक राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के बाहर गोलंबर पर बैठे रहे.

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...अभी हंगामा बाकी था

हालांकि अभी विधानसभा में और हंगामा होना बाकी था. राज्यपाल से मिलकर वापस लौटे विपक्षी विधायक फिर से सदन की कार्यवाही में शामिल हुए. इस दौरान स्वास्थ्य बजट से जुड़े मुद्दे पर सवाल-जवाब हो रहा था. स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट तेजस्वी यादव अपनी बात रख रहे थे.

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है, जबकि उपमुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं होता. इतना बोलते ही सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री संजय सरावगी और जनक सिंह समेत कुछ और BJP नेताओं ने आपत्ति जताई. तेजस्वी ने कहा कि इतनी डरी हुई सरकार हमने आज तक नहीं देखी. वो जब भी मुंह खोलते हैं, सत्ताधारी दलों के नेताओं के हाथ पैर कांपने लगते हैं.

हालांकि इसके बाद तेजस्वी ने जैसे ही शराबबंदी पर एक शब्द ही बोला, कि सत्ता पक्ष की ओर से जोरदार नारेबाजी हुई क्योंकि विषय स्वास्थ्य था. इधर विपक्ष के विधायकों के साथ ही तेज प्रताप यादव भी गुस्से में नजर आ रहे थे. तेज प्रताप सत्ता पक्ष की ओर देखते हुए कड़े तेवरों में कुछ बोल रहे थे, उधर से सत्ता पक्ष के लोग भी जवाब दे रहे थे. दोनों तरफ से खूब हंगामा हो रहा था, देखते ही देखते विधायक वेल में आ गए और बात बहसबाजी से हाथापाई तक पहुंच गई. यहां तक कि असंसदीय भाषा का भी इस्तेमाल हुआ.

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हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. हालांकि सदन स्थगित होने के बाद भी हंगामा चलता रहा. इस घटना पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज जो हुआ, वो नहीं होना चाहिए था, इससे सदन लज्जित हुआ है. उन्होंने सदस्यों को चेताया कि ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी, सत्ता पक्ष और विपक्ष मर्यादा का ख्याल रखें.


 

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