कुर्की, सरेंडर और नारेबाजी... तमिलनाडु पुलिस की एंट्री से आफत में आया मनीष कश्यप

Manish Kashyap News: तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई की फर्जी खबर फैलाने के मामले में यू-ट्यूबर मनीष कश्यप ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. हालांकि, उसकी मुसीबतें और बढ़ती दिख रही हैं. सरेंडर के बाद अब तमिलनाडु पुलिस मनीष को गिरफ्तार करने के लिए पटना पहुंच गई है.

Advertisement
मनीष कश्यप (फोटो- Youtube/Viralbollywood) मनीष कश्यप (फोटो- Youtube/Viralbollywood)

aajtak.in

  • पटना,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

बिहार के यू-ट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार सुबह पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. उस पर तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई की फर्जी खबर फैलाने का आरोप है. इसी मामले में आज सुबह ही पुलिस प्रशासन की टीम मनीष के घर की कुर्की करने पहुंची थी. तभी यू-ट्यूबर ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इसकी सूचना मिलते ही थाने के बाहर उसके समर्थकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया, जिन्होंने जमकर नारेबाजी की और गिरफ्तारी का विरोध किया. 

Advertisement

पटना, दिल्ली समेत कई ठिकानों पर चल रही थी छापेमारी

गौरतलब है कि बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने गुरुवार को उसके खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी का वारंट लिया था. इसके बाद से लगातार यूट्यूबर के पटना, दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी चल रही थी. इससे पहले बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज करा दिया था. इन खातों में कुल 42.11 लाख रुपये की राशि जमा है.

पिटाई के फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप

बिहार पुलिस का कहना है कि इनके SBI के खाते में 3 लाख 37 हजार 496 रुपये, IDFC BANK के खाते में 51 हजार 69 रुपये, HDFC BANK के खाते में 3 लाख 37 हजार 463 रुपये और एक अन्य खाते में 34 लाख 85 हजार 909 रुपये हैं.

गौरतलब है कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हो रहे हमले को लेकर फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप है. इस मामले में उस पर पहले से FIR दर्ज है. मनीष का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक हो चुका है. मगर, इस बीच उसके नाम से एक नया अकाउंट (manishkashyap43) बनाया गया और ट्वीट कर दावा किया गया कि बिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

Advertisement

बिहार पुलिस ने ट्वीट करके दी थी सफाई

इसके बाद बिहार पुलिस ने ट्वीट कर साफ किया था कि मनीष और युवराज को गिरफ्तार नहीं किया गया. वह एक फर्जी पोस्ट था. गिरफ्तारी की अफवाह फैलाकर लोगों को भ्रमित करने के आरोप में EOU ने FIR नंबर 5/23 दर्ज की थी. मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के डुमरी महनवा गांव में हुआ था. 

मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है

वह खुद को 'सन ऑफ बिहार' (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. इस नाम के पीछे वो 'कश्यप' लगाता है. हालांकि, ज्यादातर जगहों पर 'मनीष' लिखता है. साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उसने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया. उसकी मां मधु गृहिणी हैं. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रह चुके हैं.

ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु ले जाया जाएगा

मजदूरों की पिटाई की फर्जी खबर फैलाने के मामले में ही अब तमिलनाडु पुलिस भी मनीष कश्यप को पकड़ने करने के लिए पटना पहुंच गई. तमिलनाडु पुलिस की 4 सदस्यीय टीम पटना पहुंची है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार करने के बाद मनीष कश्यप को शनिवार या रविवार तक ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु ले जाया जाएगा. यू-ट्यूबर के खिलाफ दक्षिणी राज्य में भी एफआईआर दर्ज हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement