फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ हुआ वायरल

वीडियो किसी कमरे का लग रहा है जहां एक युवक ​बनियान और जींस पहने जमीन पर बैठा है. वहीं, एक अन्य युवक को कुछ लोग मार रहे हैं और उसे गालियां दे रहे हैं. इसी बीच पिट रहा युवक शर्ट में से अपना जनेऊ बाहर निकालकर कहता है, "ये मेरा जनेऊ है, मैं इसको पकड़कर कह रहा हूं, ब्राह्मण हूं मैं."  ये सुनकर उसे पीट रहा व्यक्ति उसे भद्दी-सी गाली देता है और पिटाई जारी रखता है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो यूपी के कानपुर शहर का है जहां कुछ पुलिसवालों ने एक ब्राह्मण युवक को गाली देते हुए पीटा.
सच्चाई
कानपुर की इस घटना के आरोपियों में से कोई भी शख्स पुलिसवाला नहीं है.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:55 PM IST

एक वीडियो शेयर करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण युवक को पुलिस ने बेरहमी से पीटा. आरोप यह भी है कि इस दौरान पुलिसवालों ने पूरे ब्राह्मण समाज को अपशब्द कहे.  

वीडियो किसी कमरे का लग रहा है जहां एक युवक ​बनियान और जींस पहने जमीन पर बैठा है. वहीं, एक अन्य युवक को कुछ लोग मार रहे हैं और उसे गालियां दे रहे हैं. इसी बीच पिट रहा युवक शर्ट में से अपना जनेऊ बाहर निकालकर कहता है, "ये मेरा जनेऊ है, मैं इसको पकड़कर कह रहा हूं, ब्राह्मण हूं मैं."  ये सुनकर उसे पीट रहा व्यक्ति उसे भद्दी-सी गाली देता है और पिटाई जारी रखता है.

Advertisement

एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "ये वीडियो कानपुर के रतन लाल नगर चौकी का है. जहा एक ब्राह्मण युवक ने जब अपना जनेऊ दिखाया तो पुलिस वालों ने पूरे ब्राह्मणों समाज को गाली देकर युवक को पीटा. महोदय @Uppolice क्या इस तरह का पिटाई और पूरे ब्राह्मण समाज को गाली देना सही है?"

ऐसे ही दो पोस्ट्स का आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस मामले में आरोपियों के पुलिसकर्मी होने की बात पूरी तरह गलत है.

कानपुर पुलिस ने किया है खंडन

इस घटना के बारे में कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर का 10 अप्रैल, 2024 का एक ट्वीट मिला. इसमें वायरल वीडियो के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. बताया गया है कि ये घटना करीब दो महीने पुरानी है और जिस युवक को मारा गया था, उसका नाम रोहित द्विवेदी है. एक बर्थडे पार्टी में रोहित का कुछ लोगों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. इसी विवाद से नाराज लोगों ने बाद में रोहित के साथ मारपीट की.

Advertisement

ट्वीट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि इस घटना में कोई भी पुलिसवाला शामिल नहीं है. ट्वीट में एक वीडियो भी है जिसमें डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साउथ) रवींद्र कुमार का इस घटना को लेकर बयान है.    

घटना में किसी पुलिस कर्मी की संलिप्तता नहीं पाई गयी है कृपया भ्रामकता ना फैलायें, भ्रामक खबर फैलाने वालों पर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
सोशल मीडिया पर एक मारपीट के वायरल वीडियों के सम्बन्ध में जाँच की गयी तो ज्ञात हुआ की जिस युवक को मारा जा रहा है उसका नाम रोहित द्विवेदी है.… pic.twitter.com/QI3pAYQF9C

— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) April 10, 2024

इसके अलावा हमें इसी हैंडल से किया गया 11 अप्रैल, 2024 का भी एक ट्वीट मिला, जो इसी घटना से संबंधित है. इसमें एक तस्वीर है जिसमें एक व्यक्ति को पुलिस की गिरफ्त में देखा जा सकता है. साथ ही, एक प्रेस रिलीज भी है. इसमें लिखा है कि बंद कमरे में लड़के की पिटाई वाले वायरल वीडियो के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही, एक बाल अपराधी को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है. 

बंद कमरें में लड़के की पिटाई के वायरल वीडियों के प्रकरण में थाना गुजैनी पुलिस टीम ने एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार व एक बालअपचारी को पुलिस अभिरक्षा में लिया।@Uppolice pic.twitter.com/fxlKW1uCSC

Advertisement
— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) April 11, 2024

एफआईआर में क्या लिखा है?  

हमने इस घटना की एफआईआर भी देखी, जिसके मुताबिक, इस घटना के पांच आरोपी हैं. इनमें से पंकज ठाकुर और विक्रम सिंह नाम के दो आरोपियों को मामले का पीड़ित रोहित द्विवेदी पहले से जानता था. रोहित, कानपुर के गुजैनी इलाके में रहता है.  

एफआईआर के मुताबिक, एक दिन जब रोहित कहीं जा रहा था, तो कुछ कारसवार युवक उसे और उसके एक दोस्त को किसी अज्ञात जगह पर ले गए. वहां उन्होंने दोनों को तकरीबन दो घंटे तक पीटा और घटना का वीडियो बना लिया. इसके बाद अपहरणकर्ता उन्हें वापस छोड़ आए. फिर उन्होंने रोहित से पैसे मांगे और कहा कि न देने पर वीडियो वायरल कर देंगे. रोहित ने एक-दो बार तो उन्हें पैसे दिए लेकिन जब उसने और पैसे देने से मना किया तो पंकज ठाकुर नाम के युवक ने रोहित की पिटाई का वीडियो वायरल कर दिया.

एफआईआर में कहीं भी इस मामले के आरोपियों के पुलिसकर्मी होने का जिक्र नहीं है.

हमने इस बारे में और जानकारी पाने के लिए डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साउथ) रवींद्र कुमार से बातचीत की. उन्होंने हमें बताया कि मामले में रोहित द्विवेदी की एफआईआर के अलावा उन सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई है, जो इस घटना का आरोपी पुलिसकर्मियों को बता रहे थे. रवींद्र ने ''आजतक'' को बताया, "मामले के दो आरोपी - पंकज ठाकुर और विक्रम सिंह, रोहित के परिचित हैं और अन्य तीन भी इन्हीं दोनों आरोपियों के साथी हैं. एक आरोपी नाबालिग है जो 11वीं कक्षा का छात्र है. पंकज और नाबालिग आरोपी को पकड़ लिया गया है और बाकी तीन लोगों की तलाश की जा रही है. नाबालिग के अलावा बाकी सभी आरोपी अपना खुद का रोजगार करते (सेल्फ-एम्प्लॉयड) हैं."

Advertisement

रवींद्र  ने हमें ये भी बताया ​कि पकड़े गए आरोपियों ने अपने बयान में कहा है कि रोहित ने उनसे पैसे ले रखे थे जिन्हें वो वापस नहीं कर रहा था, इसी वजह से उन्होंने उसे पीटा. वहीं, रोहित ने उनसे पैसे लेने की बात से इंकार किया है.

क्या बोले कानपुर के पत्रकार? 

अंत में, हमने ये वीडियो कानपुर में मीडिया संस्था 'हिन्दुस्तान'  के पत्रकार गौरव चतुर्वेदी और पीटीआई के पत्रकार राहुल शुक्ला को भी भेजा. दोनों का यही कहना था कि इस मामले में पुलिस की संलिप्तता की बात पूरी तरह गलत है.

साफ है, कानपुर में हुई मारपीट की एक घटना को पुलिस द्वारा ब्राह्मणों पर अत्याचार बताकर पेश किया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है.

---- समाप्त ----

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement