मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को बताया कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव केंद्र के मुद्दे पर लड़ा गया और मध्य प्रदेश इसमें कहीं नहीं था, लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं दिया. इस्तीफे की जिम्मेदारी के सवाल पर सीएम ने कहा कि जब मुझसे पूछा गया तो मैंने बताया. ये चुनाव राज्य के विषय पर नहीं था. इस वजह से सीएम पद से इस्तीफा नहीं दे सकता.
कमलनाथ ने यह बात इंदौर में इंडिया टुडे ग्रुप के आयोजित 'माइंड रॉक्स' कार्यक्रम में कही. असल में, यंग स्टेट, यूथफुल विजन: ड्रिमिंग ऑफ टूमॉरो सत्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचे थे. सत्र के शुरू होने से पहले इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा ने कमलनाथ का परिचय दिया. कमलनाथ ने कहा इस 6 महीने में ढाई महीने आचार संहिता में निकल गए. बच्चों का अच्छा भविष्य हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है. अभी जो हालात हैं उसको बदलना चुनौती है.कार्यक्रम का संचालन 'आजतक' के एक्जिक्यूटिव एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट्स) सईद अंसारी ने किया.
मध्य प्रदेश में सत्ता बदलते ही अधिकारियों के ट्रांसफर के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो 15 साल से अधिकारी थे, उनका मैंने रिकॉर्ड देखा. फिर उसके बाद तबादला किया. कौन अधिकारी किस काम के लिए सही है, ये हमें देखना होगा. हमने सबको मौका दिया. जो 15 साल से साइडलाइन थे, उनको मैंने मौका दिया.
जनता तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाए
इसी तरह लोकसभा चुनाव में मिली हार पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनाव में जनता ने हमें नकारा, इस सच्चाई को मैं स्वीकार करता हूं. मैंने हार की जिम्मेदार ली. लेकिन ये चुनाव राज्य के विषय पर नहीं था. हम स्वीकार करते हैं कि हम अपनी बात जनता तक नहीं पहुंचा पाए. इसे हम स्वीकार करते हैं. हमारा जो चुनावी तंत्र था वो बीजेपी से कमजोर था. हम जनता तक संदेश नहीं पहुंचा पाए. उन्होंने यह कहा कि बीजेपी के पास एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं और रहा ये राष्ट्रभक्त की बात करते हैं.
कमलनाथ ने कहा कि जब मैं लोकसभा में था तो ऐसा भी समय था, जब बीजेपी के पास 2 सीट थी. बीजेपी का गुब्बारा सालभर में पंचर हो जाएगा. सरकार के खतरे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बहुमत साबित कर दिया. स्पीकर और डिप्टी स्पीकर में ये (बीजेपी) हारे. मैं कहता हूं कि आप बयानबाजी क्यों करते हैं? आप सरकार गिराएं.
25 साल से कोई फिल्म नहीं देखी
कमलनाथ ने कहा कि एक पद पर आ गए ये मायने नहीं रखता, आपने वहां पर रहकर क्या किया ये मायने रखता है. शौक के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे पढ़ने का शौक है. ज्ञान हम जिंदगी भर प्राप्त करते हैं ये मेरा मानना है. स्कूल के दिनों में हम भी सीटी बजाते थे. मेरा पर्वत पर चढ़ने का शौक हुआ करता था. मुझे खेल का शौक रहा. क्रिकेट, फुटबॉल खेला. स्कूल के दौरान पढ़ने लिखने का शौक नहीं था. 25 साल से मैंने कोई फिल्म नहीं देखी. मुझे टीवी का रिमोट चलाना नहीं आता.
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aajtak.in / सईद अंसारी