तेजस-Mk2 की पहली उड़ान अगले साल फरवरी-मार्च में, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत

Tejas Mk2 फाइटर जेट का पहला प्रोटोटाइप इस साल अक्टूबर-नवंबर में आ जाएगा. इस साल दिसंबर से अगले फरवरी तक ट्रायल्स होंगे. पहली उड़ान फरवरी-मार्च में संभव है. 2028-29 में प्रोडक्शन होगा. मतलब अगले 4-5 साल में तेजस की नई, एडवांस खेप मिलने लगेगी.

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2028-29 में वायुसेना में शामिल होगा तेजस का एडवांस वर्जन. 2028-29 में वायुसेना में शामिल होगा तेजस का एडवांस वर्जन.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

हाल ही में कुछ मीडिया आउटलेट्स ने डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत के हवाले से कहा कि तेजस MkII की पहली उड़ान "6-12 महीनों" के भीतर होगी. जिससे अक्टूबर 2025 की शुरुआत में उड़ान की अटकलें लगाई जा रही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है.  

कैसे होगा तेजस एमके2 का प्रोडक्शन टाइमलाइन?

1. रोलआउट: अक्टूबर-नवंबर 2025... प्रोटोटाइप असेंबली लाइन से बाहर आएगा, जिससे इंजन ग्राउंड रन और सिस्टम जांच शुरू होगी. 
2. टैक्सी ट्रायल: दिसंबर 2025-फरवरी 2026... निम्न और उच्च गति टैक्सी परीक्षण विमान के सिस्टम को मान्य करेंगे. 
3. पहली उड़ान: फरवरी-मार्च 2026... पहली उड़ान बुनियादी उड़ान विशेषताओं का परीक्षण करेगी. 
4. उत्पादन: 2028-2029 से शुरू, सालाना 18 इकाइयां. 

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तेजस MkII एक उन्नत 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो तेजस MkI और पांचवीं पीढ़ी के AMCA के बीच की खाई को पाटने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें शक्तिशाली F414-INS6 इंजन, उत्तम AESA रडार और उन्नत हथियार सूट है. 2035 तक 120-180 इकाइयों को शामिल करने की योजना है, जो पुराने लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे.

जानिए तेजस Mk2 का खासियत 

तेजस मार्क 2 में नाइट विजन चश्मे से जुड़ा हुआ कॉकपिट होगा. यानी रात के समय या अंधेरे में भी इस फाइटर जेट से दुश्मन टारगेट पर हमला किया जा सके. इसमें HOTAS यानी हैंड्स ऑन थ्रॉटल-एंड-स्टिक की व्यवस्था होगी. यानी जिस लीवर से फाइटर जेट कंट्रोल किया जाएगा, उसी से हथियार भी चलेंगे. 

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2223 km प्रतिघंटा की रफ्तार से चीरेगा आसमान

यह अधिकतम 2223 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ेगा. इसकी रेंज करीब 2500 किलोमीटर होगी. अधकितम 56,758 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर पाएगा. इस फाइटर जेट में 30 मिलिमीटर की एक GSh-30-1 गन लगी होगी. यह गन एक मिनट में 1500-1800 गोलियां दाग सकती है. जिसकी रेंज 200 से 1800 मीटर होगी. 

एक से एक घातक हथियारों से किया जाएगा लैस

इस गन के अलावा इस फाइटर जेट पर 13 हार्डप्वाइंट्स होंगे. यानी 13 एक जैसे या अलग-अलग तरह के हथियार लगा सकते हैं. इसमें पांच तरह के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. जैसे- MICA, ASRAAM, Meteor, Astra और NG-CCM. इनकी तैनाती लगभग तय मानी जा रही है. 

इनके अलावा हवा से सतह पर मार करने वाली चार मिसाइलें लगाई जाएंगी. जिनमें ब्रम्होस-एनजी ALCM, LRLACM, स्टॉर्म शैडो और क्रिस्टल मेज शामिल हैं. यही नहीं इनके अलावा इसमें एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम 1/2/3 लगाने की भी योजना है. इसके अलावा इसमें चार प्रेसिशन गाइडेड बम एक लेजर गाइडेड बम, क्लस्टर म्यूनिशन, लॉयटरिंग म्यूनिशन CATS ALPHA और अनगाइडेड बम लगाए जाएंगे. 

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