किराना हिल्स भूल गए क्या मुनीर? क्यों परमाणु हमले की पाकिस्तानी धमकी में दम नहीं, दोनों की न्यूक क्षमता जानिए

असिम मुनीर कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व खतरे में पड़ा तो वह परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेगा. दुनिया का आधा हिस्सा ले जाना तबाह कर देगा. लेकिन इसकी हकीकत में कमजोरी छिपी है. भारत की मजबूत परमाणु और सैन्य ताकत, साथ में अंतरराष्ट्रीय समर्थन, इसे पाकिस्तान से आगे रखता है. करगिल और हालिया ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया है कि भारत हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम है.

Advertisement
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असिम मुनीर ने परमाणु हमले की धमकी दी है. (File Photo: AFP) पाकिस्तान के सेना प्रमुख असिम मुनीर ने परमाणु हमले की धमकी दी है. (File Photo: AFP)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर ने एक बड़े बयान से सनसनी फैला दी है. उन्होंने अमेरिका में एक कार्यक्रम में कहा कि अगर भविष्य में भारत के साथ युद्ध में पाकिस्तान का वजूद खतरे में पड़ेगा, तो वे परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेंगे और दुनिया का आधा हिस्सा साथ ले जाएंगे. लेकिन क्या यह धमकी वाकई कितनी गंभीर है?

Advertisement

क्या यह सिर्फ बयानबाजी है? आइए, समझते हैं कि इस धमकी के पीछे क्या है? भारत-पाक की परमाणु ताकत की तुलना क्या है?

मुनीर का परमाणु धमकी

असिम मुनीर ने एक कार्यक्रम में यह बयान दिया, जहां उन्होंने भारत के खिलाफ परमाणु युद्ध की बात कही. उनका कहना था कि अगर पाकिस्तान को कोई "अस्तित्व का खतरा" (existential threat) हुआ, तो वे पीछे नहीं हटेंगे और आधा विश्व तबाह कर देंगे.

यह भी पढ़ें: 'S-400 से मार गिराए 5 पाकिस्तानी जेट्स, AEW&C भी किया तबाह...' ऑपरेशन सिंदूर पर बोले एयरफोर्स चीफ

यह बयान तब आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से ही ऑपरेशन सिंदूर जैसे हालिया घटनाक्रमों से बढ़ा हुआ है. एक मीडिया संस्थान के अनुसार, यह पहली बार है जब किसी देश ने अमेरिकी धरती से तीसरे देश (भारत) के खिलाफ परमाणु धमकी दी हो, जो इसे और गंभीर बनाता है. 

Advertisement

करगिल की याद

इस बयान पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुनीर ने करगिल युद्ध (1999) की याद भूल गए हैं? उस समय भी भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई थी, लेकिन भारत ने अपनी सैन्य ताकत और रणनीति से बाजी मारी थी. करगिल में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था. उसने परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं किया था, भले ही उसने धमकियां दी थीं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि आज भी पाकिस्तान की परमाणु धमकी ज्यादा बयानबाजी है, क्योंकि वास्तव में युद्ध के हालात में इसे लागू करना मुश्किल होगा.

यह भी पढ़ें: इस यान की लंबाई दिल्ली से भी ज्यादा, अंतरिक्ष में बस सकेंगे लोग, ग्रैविटी भी धरती जैसी...

भारत और पाकिस्तान की परमाणु ताकत

दोनों देशों की परमाणु क्षमता की तुलना करने से साफ होता है कि भारत के पास ज्यादा मजबूत स्थिति है...

भारत की ताकत: भारत के पास करीब 180 परमाणु हथियार हैं. यह संख्या बढ़ रही है. भारत के पास लंबी दूरी की मिसाइलें (जैसे अग्नि-5, जो 5000 किलोमीटर तक मार कर सकती है) और पनडुब्बी-लॉन्च्ड मिसाइलें हैं. भारत का परमाणु कार्यक्रम आत्मनिर्भर है. यह "नो फर्स्ट यूज" (पहले इस्तेमाल न करने) की नीति पर चलता है, यानी सिर्फ जवाबी कार्रवाई में ही हथियार का इस्तेमाल करेगा.

Advertisement

पाकिस्तान का दम: पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं. लेकिन इनकी रेंज और तकनीक भारत से कमजोर है. पाकिस्तान की मिसाइलें (जैसे शाहीन-III) 2750 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं. उसका जोर "फर्स्ट यूज" पर है यानी वह पहले हमला करने की धमकी देता है. लेकिन इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचा और नियंत्रण भारत जितना मजबूत नहीं है.

हालांकि  पाकिस्तान की धमकियां बहुत आती हैं लेकिन भारत की रक्षा प्रणाली (जैसे S-400) और सटीक हमले की क्षमता इसे बेहतर बनाती है. साथ ही, भारत के पास आर्थिक और तकनीकी ताकत है, जो लंबे युद्ध में उसे फायदा दे सकती है.

यह भी पढ़ें: Mega Exclusive: गायब हो गया आर्मी बेस कैंप, बदल गया हर्षिल का नक्शा, तबाही के बाद ग्राउंड पर आजतक... देखें PHOTOS

धमकी में दम क्यों नहीं?

कई कारणों से माना जा रहा है कि मुनीर की धमकी में वजन नहीं है...

  • अंतरराष्ट्रीय दबाव: अगर पाकिस्तान परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है, तो अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश हस्तक्षेप करेंगे. इससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हो सकता है.
  • आत्म-विनाश का खतरा: "आधा विश्व ले जाना" का दावा हकीकत में मुमकिन नहीं, क्योंकि परमाणु युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान खुद पाकिस्तान को होगा. उसकी छोटी सी जमीन और आबादी इसे और खतरनाक बनाएगी.
  • रणनीतिक कमजोरी: ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपनी सैन्य ताकत दिखाई है. पाकिस्तान की हवाई और जमीनी ताकत कमजोर पड़ रही है, जिससे परमाणु धमकी उसकी मजबूरी दिखती है, न कि ताकत.

क्या है असली मकसद?

Advertisement

विशेषज्ञों का मानना है कि मुनीर का यह बयान भारत को डराने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर ध्यान खींचने की कोशिश हो सकती है. अमेरिका में यह बयान देकर वे शायद अपनी सेना की कमजोरियों को छुपाना चाहते हैं और भारत पर दबाव बनाना चाहते हैं. लेकिन भारत ने पहले भी ऐसी धमकियों का जवाब सैन्य कार्रवाई से दिया है, जैसे कि बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement