लखनऊ: 12 दिन गायब रहने के बाद बीजेपी सांसद का बेटा पहुंचा थाने, खुद को बताया बेकसूर

उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर के बेटे आयुष का मामला पेचीदा होता जा रहा है. कई दिन गायब रहने के बाद आयुष लखनऊ के मड़ियांव थाने में पूछताछ के लिए पहुंचा.

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मड़ियांव थाने में सांसद कौशल किशोर का बेटा आयुष मड़ियांव थाने में सांसद कौशल किशोर का बेटा आयुष

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 15 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST
  • मड़ियांव थाने पहुंचा आयुष
  • पुलिस ने दर्ज किया बयान

उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर के बेटे आयुष का मामला पेचीदा होता जा रहा है. कई दिन गायब रहने के बाद आयुष लखनऊ के मड़ियांव थाने में पूछताछ के लिए पहुंचा. यहां पर उसने खुद को बेकसूर बताया और उसने अपनी पत्नी और उसके भाई आदर्श पर जान से मारने की साजिश करने का आरोप लगाया.

करीब ढाई घंटे तक आयुष से मड़ियांव थाने में पूछताछ की गई. इस मामले में आयुष को बंदूक देने वाले चंदन को भी नोटिस भेज दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, चंदन से भी पूछताछ की जाएगी कि आखिर उसके पास असलहा कहां से आया?
 
दरअसल, 3 मार्च को सांसद के बेटे आयुष पर तथाकथित हमला हुआ था, जिसमें आरोप लगा था कि उसके विरोधियों ने गोली चलवाई है. बाद में पता चला कि उसके साले आदर्श ने गोली चलाई थी और साजिश में आयुष भी शामिल था. पुलिस ने आदर्श को गिरफ्तार कर लिया था और असलहा भी बरामद कर लिया था.

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इस बीच आयुष की पत्नी अंकिता ने आरोप लगाया कि सांसद कौशल किशोर और उसका परिवार उन्हें परेशान कर रहा है. आयुष की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि आयुष उसके साथ मारपीट करता था और उसके परिवार वालों ने इस शादी को मान्यता नहीं दी थी. लिहाजा लगातार उसका शोषण हो रहा था.
 
तेजी से बदलते घटनाक्रम में आयुष ने इन सभी आरोपों का खंडन किया था और उसके बाद उसकी पत्नी ने एक वीडियो जारी कर यह आरोप लगाया कि प्रताड़ना और पुलिस की बेपरवाही से तंग आकर वह आत्महत्या करने जा रही है. इसके बाद उसने अपने हाथ की नसें भी काट ली थीं, जिसके बाद उसे लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.

आयुष की पत्नी ने आयुष पर आरोप लगाते हुए कहा, 'सब लोगों ने मुझे दोषी करार दिया है, जबकि मेरी कोई गलती नहीं है, वह आयुष से बहुत प्यार करती है और उसके साथ रहना चाहती थी, लेकिन अचानक से इस पूरे मामले में उसी के साथ ज़्यादती की जा रही है, पुलिस अधिकारियों ने फोन उठाने बंद कर दिए हैं.'

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फिलहाल इस मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध दिखती है क्योंकि मुकदमा दर्ज करने के बाद भी इतने दिनों तक आयुष को ना तो गिरफ्तार किया गया और ना ही सामने आने पर पूछताछ करने के बाद उसे हिरासत में लिया गया, जबकि आरोपी आदर्श को फौरन गिरफ्तार किया गया और उसके बयानों के मुताबिक इस पूरी साजिश में आयुष भी शामिल था.

 

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