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इसलिए बैंक कर देता है लोन देने से इनकार, जानें- CIBIL SCORE के बारे में सबकुछ

अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST
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मोटी सैलरी होने के बावजूद कई ग्राहकों को बैंक लोन देने से इनकार कर देता है. वजह पूछने पर बैंक का होता है कि आपका सिबिल स्कोर (Cibill Score) अच्छा नहीं है या फिर निगेटिव है. क्रेडिट कार्ड देने से पहले भी बैंक ग्राहकों के सिबिल स्कोर को खंगालता है. (Photo: Getty Images)

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दरअसल डिजिटल लेन-देन की इस दुनिया में हर तरह सुविधाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं. आप जो बैंक से लेन-देन करते हैं वो सब लोन लेते वक्त देखा जाता है. अक्सर बैंक ग्राहक को क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही लोन ऑफर करता है. अगर आपका स‍िबिल स्कोर अच्छा होगा, तो बैंक आपको लोन देने में कतराएंगे नहीं. (Photo: Getty Images)

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जब आप बैंकों में लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री चेक करते हैं कि आपने पहले कभी लोन लिया है या नहीं, अगर लोन लिया था तो उसका पेमेंट टाइम पर किया या नहीं. बैंक को सिबिल स्कोर के जरिये पता चल जाता है कि आपने पास्ट में कोई गड़बड़ी की है, तभी लोन देने से बैंक मना करता है. (Photo: Getty Images)
 

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सिबिल स्कोर खराब होने की वजह
अक्सर लोग लोन लेकर सही टाइम पर पेमेंट नहीं करते हैं. देर से EMI भरना, क्रेडिट कार्ड का सही समय पर भुगतान नहीं करना, ऐसे कदम से सिबिल स्कोर पर प्रतिकूल असर पड़ता है. 

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इसके अलावा लोन के विषय में बहुत ज्यादा पूछताछ करने से भी सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है, क्योंकि आप जितने बैंक से संपर्क करेंगे सभी बैंक सिबिल स्कोर चेक करेंगे. लगातार सिबिल चेक होने से उसपर निगेटिव असर पड़ता है. (Photo: Getty Images)

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जितना बेहतर आपका क्रेडिट स्कोर होगा. बैंकों की तरफ से आपका लोन मिलने की उतनी ही ज्यादा संभावना रहेगी. इसलिए कोशिश होनी चाहिए कि सिबिल स्कोर 750 से नीचे न हो. इसके अलावा सिबिल स्कोर बढ़िया रहने से कम ब्याज पर लोन मिल जाता है.
 

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कैसे सुधारें सिबिल स्कोर
एक लाइन में कहें तो किसी भी तरह के लोन का भुगतान समय पर करें. होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में तालमेल बनाकर रखें. किसी एक तरीके के क्रेडिट पर ज्यादा निर्भरता से आपका स्कोर खराब हो सकता है. (Photo: Getty Images)
 

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कहां करें पता:
आपका क्रेडिट स्कोर कितना है. ये आप आसानी से चंद सेकंड में पता कर सकते हैं. इसमें आप भारतीय स्टेट बैंक की मदद ले सकते हैं. इसके लिए https://homeloans.sbi/getcibil पर जाना होगा. यहां पर पर्सनल डिटेल भरें. पैन नंबर या फिर कोई भी पहचान पत्र डिटेल यहां पर देनी होगी. मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी आपको यहां एंटर करनी होगी. जैसे ही आप ये सारी डिटेल देंगे, तो आपको मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा. इस ओटीपी को एंटर करने के बाद आपके सामने आपका क्रेडिट स्कोर दिख जाएगा.
 

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क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर 3 अंकों का एक नंबर होता है. यह 300 से 900 के बीच हो सकता है. अगर स‍िबिल स्कोर 900 के करीब होता है तो उसे सबसे बेहतर माना जाता है. यानी जितना अधिक होगा, उतना बेहतर होगा. इसी आधार पर बैंक तय करता है कि ग्राहक को कितना लोन दिया जाए. करीब 79 फीसदी लोन 750 से अधिक के सिबिल स्कोर को देखकर दिए जाते हैं. (Photo: Getty Images)

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रेटिंग के मायने
अगर किसी ग्राहक का 300 से 550 के बीच सिबिल स्कोर है तो इसके पुअर माना जाता है, और बैंक ऐसे ग्राहकों को सीधे लोन देने से मना कर देता है. अगर सिबिल स्कोर 550 से 650 के बीच है, इसे औसत माना जाता है. ऐसे में बैंक ज्यादा ब्याज दर या फिर लोन देने से मना भी कर सकता है. वहीं अगर 650 से 750 के बीच है तो इस अच्छा माना जाता है और बैंक लोन को कंसीडर कर लेगा. जबकि अगर ग्राहक का सिबिल स्कोर 750-900 के बीच है तो फिर बैंक बिना देरी किए सबसे कम ब्याज दर पर लोन ऑफर कर देगा. (Photo: Getty Images)

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