आज के समय में कोई न कोई ऐसा जरूरत का काम पड़ ही जाता है, जिसके लिए लोगों को लोन लेना पड़ता है. पर्सनल लोन की अगर बात करें, तो ये सुविधाजनक है और ये पहले से तय या फिर अचानक आने वाले घर खर्च, बच्चों की पढ़ाई या मेडिकल जरूरत को पूरा करने में मदद करता है. सबसे खास बात ये है कि इसे पाने के लिए कागजी कार्रवाई भी कम होती है और किसी गारंटर की जरूरत भी नहीं होती. इस वजह से इसका क्रेज तेजी से बढ़ा है. लेकिन, ये लोन थोड़ा ज्यादा ब्याज दर पर मिलता है और इसे लेते समय व चुकाने को लेकर अगर लापरवाही करते हैं, तो फिर यह आपके भविष्य के लिए भारी कर्ज का सबब भी साबित हो सकता है.
पहली जरूरी बात: जरूरत न होने पर लेने से बचें
कई बार लोग जरूरत न होने पर भी पर्सनल लोन लेने ले लेते हैं, जो आगे जाकर उसके लिए सबसे बड़ा सिर दर्द साबित हो सकता है. ऐसे में बहुत जरूरत होने पर ही इसके लिए अप्लाई करें और उतना ही लोन लें, जिसे संभाल सकें. मतलब जिसका पेमेंट आप आसानी से कर पाएं. जिससे कि भविष्य में उसका ब्याज चुकाने में आपको दिक्कत पेश न आए. दरअसल, हर खर्च के लिए लोन लेना जरूरी नहीं होता है, तो ऐसे में पूरा सोच-विचार कीजिए कि जिस काम के लिए लोन ले रहे हैं, क्या वो वाकई में इतना जरूरी है, अगर नहीं तो कर्ज लेने से बचना ही बेहतर है.
दूसरी जरूरी बात: Loan की शर्तों को न करें नजरअंदाज
न केवल पर्सनल लोन, बल्कि होम लोन से लेकर ऑटो लोन तक तमाम नियम और शर्तों के साथ आते हैं. ऐसे में जब भी आप व्यक्तिगत लोन लेने के लिए बैंक में जाएं, तो उससे जुड़ी शर्तों को अच्छी तरह से पढ़कर जांच लें. इनमें प्रोसेसिंग फीस, टेन्योर से लेकर तमाम नियम-शर्तें शामिल हैं. डॉक्युमेंट्स की जांच करते समय हिडेन चार्जेस या प्री-पेमेंट फीस जैसे पॉइंट की अनदेखी न करें, क्योंकि इससे आपके लोन की लागत मे इजाफा हो सकता है. इसे सावधानी से पढ़ने से आप भविष्य में परेशान होने से बच सकते हैं.
तीसरी जरूरी बात : एक साथ कई बैंकों से न लें लोन
आपको जरूरत है, यह हम समझते हैं लेकिन अगर आप एक ही वक्त पर कई जगहों से लोन लेते हैं तो ऐसी स्थिति में आप भविष्य में खतरनाक लोन के जाल में फंस सकते हैं. जब आपको जरूरत है, तो ध्यान रखें कि इस जरूरत के हिसाब से एक ही बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन लें. एक साथ कई लोन का बोझ आपके ऊपर भारी पड़ सकता है और सावधानी न बरतने पर आपको अपनी कमाई से ज्यादा भुगतान तो करना ही पड़ सकता है. जिस बैंक से लोन ले रहे हैं, उसकी विश्वसनीयता जांचना जरूरी है. इसके लिए ऑनलाइन रिव्यू और कस्टमर फीडबैक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
चौथी जरूरी बात: मूल से ज्यादा ब्याज भरना मुश्किल
अक्सर लोन लेते वक्त हम कुछ चीजों को नजरअंदाज करते हैं और सिर्फ लोन की राशि या समय अवधि पर ध्यान देते हैं. लेकिन, बैंक द्वारा वसूले जाने वाली ब्याज दर का विशेष ध्यान रखें और अन्य बैंकों के साथ इसकी तुलना कर लें, तभी अप्लाई करें. दरअसल, ब्याज दरों में छोटे से छोटा फर्क भी लोन की पूरी अवधि में चुकाई जाने वाली रकम में बड़ा इजाफा कर सकता है. इसलिए लोन लेने से पहले कई बैंकों या वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों की तुलना करना बहुत जरूरी है, केवल एजेंट की सलाह पर भरोसा न करें. अगर आप सोच समझकर सबसे कम ब्याज दर वाला विकल्प चुनते हैं, तो आप काफी पैसे बचा सकते हैं.
पांचवीं जरूरी बात: ज्यादा लंबे समय का लोन न लें
जैसा कि बताया कि पर्सनल लोन में किसी भी तरह की कोई कोई गारंटी नहीं लगती है और ये एक अनसिक्योर्ड लोन होता है. इसके अलावा आप इसका इस्तेमाल किसी भी जरूरत के लिए कर सकते हैं. इससे बैंक का रिस्क बढ़ जाता है, जिसके चलते इस लोन की ब्याज दर अधिक रखी जाती है. इसके दूसरे शब्दों में हाई रिस्क लोन भी कहा जाता है. ऐसे में कोशिश करें कि कम टेन्योर के लिए लोन लें, क्योंकि अगर आप लंबे समय के लिए लोन लेंगे, तो फिर आपको लंबे समय तक ब्याज भरना होगा और मोटी रकम सिर्फ ब्याज में ही चुकानी होगी. ऐसे में पर्सनल लोन को जल्दी से जल्दी चुकाने की कोशिश करें.
छठी जरूरी बात: समय पर पेमेंट करने का रखें ध्यान
लोन लेते समय इस बात का ध्यान रखना बेहज जरूरी होता है कि आप उतना ही लोन लें, जिसकी EMI समय पर चुकाते रहें. अगर इससे चूकते हैं, तो फिर गंभीर परिणाम भुगता पड़ सकता है. लेट पेमेंट पर जुर्माना और अतिरिक्त ब्याज लग सकता है, इसके साथ ही आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है. जिससे भविष्य में लोन लेना भी मुश्किल हो सकता है. अगर लगातार पेमेंट में देरी या भुगतान नहीं किया जाए, तो बैंक कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं.