450 करोड़ का बंगला, ₹639 करोड़ का डुप्लेक्स...'वर्ली सी फेस' क्यों बना अमीरों का ठिकाना

इन 'स्काई-विले' में प्राइवेट पूल, स्पा, फिटनेस सेंटर, निजी लिफ्ट और पांच सितारा होटल के जैसी सुरक्षा और सेवाएं मिलती हैं, जो पुराने बंगलों में जोड़ने के लिए जगह और तकनीक दोनों के लिहाज़ से मुश्किल हैं.

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मुंबई के अरबपतियों का नया ठिकाना (Photo-AI-Generated) मुंबई के अरबपतियों का नया ठिकाना (Photo-AI-Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 5:09 PM IST

मुंबई के पश्चिमी समुद्र तट पर बसा वर्ली सी फेस कभी सिर्फ सैरगाह हुआ करता था, जहां कुछ ऊंची इमारतें, इक्का-दुक्का बंगले और अब बंद हो चुकी वर्ली डेयरी हुआ करती थीं, लेकिन इसकी किस्मत 2009 में बदलनी शुरू हुई, जब बांद्रा-वर्ली सी लिंक खुला. इसने उपनगरों को दक्षिण मुंबई से कुछ ही मिनटों की दूरी पर लाकर, इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदल दिया. अब ये इलाका रईसों का ठिकाना बन चुका हैं.

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मुंबई में कभी मलाबार हिल (Malabar Hill) और पेडर रोड को अरबपतियों का पारंपरिक गढ़ माना जाता रहा है, जो अपने पुराने, विशाल बंगलों और शांत माहौल के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब शहर के सबसे अमीर लोग अपने पुराने बंगलों की विरासत को छोड़ रहे हैं और वर्ली सी फेस (Worli Sea Face) के आधुनिक 'स्काई-विले' (Sky-Villas) को चुन रहे हैं. 

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अरबों के हुए सौदे

हाल के वर्षों में, देश के कुछ सबसे महंगे रियल एस्टेट सौदे यहां हुए हैं. जिससे यह साफ है कि यह इलाका अब मुंबई के अमीरों  का नया ठिकाना बन चुका है. पिछले कुछ सौदों पर नजर डालें तो कई नाम सामने आते हैं. एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी अपने पति आनंद पीरामल के साथ यहीं रहती हैं.  

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इस बंगले को 2012 में हिंदुस्तान यूनिलीवर से ₹450 करोड़ में खरीदा था. अब अरबपतियों की अगली पीढ़ी अपनी एक्सक्लूसिविटी को बढ़ाने के लिए वर्ली को चुन रही है, गोदरेज ग्रुप के कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी के रूप में कार्यरत, परमेश्वर और आदि गोदरेज की बेटी तन्या दुबाश, जो फिलहाल भुलाभाई देसाई रोड पर रहती हैं, उन्होंने नमन ज़ाना में ₹225.76 करोड़ का 9,214 वर्ग फुट का एक डुप्लेक्स खरीदा है, जिसमें बालकनी ही 1,277 वर्ग फुट की है. 

कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक उदय कोटक और उनके परिवार ने वर्ली सी फेस पर ₹400 करोड़ से अधिक में एक पूरी आवासीय इमारत (शिव सागर) खरीदी. यह सौदा ₹2.72 लाख प्रति वर्ग फुट की रिकॉर्ड दर पर हुआ. वहीं फार्मा दिग्गज USV लिमिटेड की चेयरपर्सन लीना गांधी तिवारी ने वर्ली के नमन ज़ाना टॉवर में दो डुप्लेक्स ₹639 करोड़ में खरीदे, जो भारत के सबसे महंगे आवासीय सौदों में से एक है.

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पुराने बंगलों से 'स्काई-विले' तक का बदलाव

अरबपतियों के लिए वर्ली के ऊंचे, शानदार अपार्टमेंट को चुनने के पीछे कई कारण हैं, जो पारंपरिक मलाबार हिल के बंगलों में अब नहीं मिलते.

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बीकेसी (BKC) से निकटता: यह मुंबई के नए वाणिज्यिक केंद्र, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से बांद्रा-वर्ली सी लिंक के माध्यम से सीधे जुड़ा हुआ है, इससे उद्योगपतियों का यात्रा समय काफी कम हो जाता है. वहीं मुंबई कोस्टल रोड का वर्ली सी-फेस से जुड़ने वाला चरण इस क्षेत्र को मरीन ड्राइव और दक्षिण मुंबई के अन्य हिस्सों से बेहद कम समय में जोड़ देगा.

वर्ली-सेवरी एलिवेटेड कनेक्टर के बनने के बाद, वर्ली सीधे अटल सेतु (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक) से जुड़ जाएगा, जिससे नवी मुंबई तक पहुंचना आसान हो जाएगा, जहां नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है. ये आधुनिक कनेक्टिविटी सुविधाएं पुरानी बंगलों वाली जगहों पर उपलब्ध नहीं हैं.

लग्जरी और एक्सक्लूसिविटी

वर्ली सी फेस पर बने नए टॉवर पारंपरिक बंगलों की तुलना में अधिक सुविधाएं देते हैं. गगनचुंबी इमारतों के ऊंचे फ्लोर से अरब सागर और बांद्रा-वर्ली सी लिंक का शानदार नज़ारा मिलता है, जो ज़मीन पर बने बंगलों में संभव नहीं है. 
 

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