Stubble Burning Solution: हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने पराली जलाने (Stubble Burning) की समस्या से निजात दिलाने के लिए तरीका निकाल लिया है. राज्य सरकार के ताजा फैसले से पराली को जलाने की जरूरत नहीं होगी और ऐसे में इससे होने वाले प्रदूषण से भी लोगों को राहत मिलेगी. दरअसल, हरियाणा सरकार ने पराली न जलाने वाले किसानों को आर्थिक मदद देने का फैसला किया है.
सरकार के इस फैसले के मुताबिक अगर किसान खेतों में पड़ी पराली को स्ट्रा बेलर की मदद से गांठ या बेल बनाकर इसे इंडस्ट्रियल यूनिट्स (औद्योगिक इकाइयों) में देते हैं तो उन्हें 1000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसके लिए हरियाणा की खट्टर सरकार (Haryana Government) ने 230 करोड़ रुपये का बजट रखा है. बता दें कि स्ट्रा बेलर एक मशीन है जो आसानी से खेत में पड़े पराली का गठ्ठर बना देता है.
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुताबिक राज्य में पराली जलाने की बजाय स्ट्रा बेलर द्वारा पराली की गांठ/बेल बनाकर उसे किसी सूक्ष्म/लघु/मध्यम दर्जे की इंडस्ट्री में देने पर किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
विभाग के मुताबिक यह राशि 50 रुपये प्रति क्विंटल एवं 20 क्विंटल प्रति एकड़ पराली उत्पादन को मानते हुए दी जाएगी. इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को आधिकारिक वेबसाइट http://agriharyana.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
सरकार ने इंडस्ट्रीज के लिए भी कहा है कि सूक्ष्म/लघु/मध्यम उद्यम व अन्य औद्योगिक इकाइयां जो पराली के बेलों का उपयोग करती हैं वह वित्त वर्ष 2021-22 में पराली गाठों/बेलों की आवश्यकता अनुसार जरूरत (मांग) के हिसाब से अपना रजिस्ट्रेशन भी agriharyana.gov.in पर करवा लें. अगर किसानों को इस स्कीम से जुड़ी किसी बात में दिक्कत है तो वो किसान कृषि अधिकारी या टोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क कर सकते हैं.
बता दें कि हरियाणा में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने पर भी काम जारी है. पेट्रोलियम कंपनियां इन कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट से निकलने वाली गैस को खरीदेंगी. जिसके बाद इसका उपयोग गाड़ियों में ईंधन के विकल्प के तौर पर किया जाएगा. ऐसे में पराली जलाने की समस्या भी खत्म होगी और पेट्रोल-डीजल का विकल्प भी मिलेगा.
aajtak.in