बिहार: एक एकड़ में Litchi की खेती कर किसान ने कमाए डेढ़ लाख रुपये

मुजफ्फरपुर के रहने वाले कृष्ण गोपाल एक एकड़ में लीची की खेती करते हैं. साथ ही वह लीची के मार्केटिंग में भी अपना हाथ आजमा रहे हैं. वह कहते हैं इन दोनों को मिला कर उन्हें एक एकड़ में डेढ़ लाख तक का मुनाफा हो जाता है.

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 Bihar Farmer is earning up to 1 lakh 50 thousand in just one acre from litchi cultivation Bihar Farmer is earning up to 1 lakh 50 thousand in just one acre from litchi cultivation

सचिन धर दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST
  • भारत लीची का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है
  • सरकार की तरफ से मुजफ्फरपुर में लीची अनुसंधान केंद्र भी बनाया गया है

लीची एक फलदार पौधे की श्रेणी में आता है. भारत में उत्पादित किए गए इस फल की मांग देश के साथ विदेशों में है. बिहार का मुजफ्फरपुर लीची की खेती और उसके निर्यात के लिए काफी प्रसिद्ध है. इसके लिए सरकार की तरफ से मुजफ्फरपुर में लीची अनुसंधान केंद्र भी बनाया गया है. यह केंद्र किसानों को लीची की खेती करने के लिए नई-नई तकनीकें बताता है और ट्रेनिंग भी देता है. किसान इन तकनीकों का उपयोग कर अपना मुनाफा बढ़ा सकता है और भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना किसानों की आय दोगुनी करने में भी अपना सहयोग कर सकते हैं.

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मुजफ्फरपुर के रहने वाले कृष्ण गोपाल एक एकड़ में लीची की खेती करते हैं. साथ ही वह लीची के मार्केटिंग में भी अपना हाथ आजमा रहे हैं. वह कहते हैं इन दोनों को मिला कर उन्हें एक एकड़ में डेढ़ लाख तक का मुनाफा हो जाता है. साथ ही वह बताते हैं कि ये मुनाफा मांग के आधार पर बढ़ भी जाता है. कोरोनावायरस की वजह अभी मुनाफा थोड़ा कम हो रहा है, लेकिन आने वाले समय में ये जरूर बढ़ेगा.

बगीचे खरीद कर भी कमाते हैं मुनाफा

इसके अलावा कृष्ण गोपाल छोटे और सीमांत किसानों से लीची के बगीचे खरीदने का काम करते हैं. अगर वह एक बगीचे को किसी किसान से खरीदते हैं तो उससे भी उन्हें हर 60 से 70 हजार का अलग से फायदा हो जाता है. 
 

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Image credit: Krishna Gopal (Farmer)

कैसे करें लीची की खेती 

लीची की खेती के लिए गर्मी और बरसात का मौसम बेहद उपयुक्त है. इस मौसम में लीची की खेती से किसानों को काफी फायदा होता है. साथ ही इसकी खेती के लिए बलुई और दोमट मिट्टी की काफी आवश्यकता होती है. इसके अलावा लीची के पौधों को नियमित तौर पर सिंचाई की काफी आवश्यकता होती है. जिससे पौधे का विकास बेहतर तरीके से हो सके. कृष्ण गोपाल 8 से 10 फीट की दूरी पर लीची का पौधा लगाते हैं, साथ ही घर पर बनाई जैविक खाद का उपयोग करते हैं, जिससे इसकी लागत नियंत्रण में रहती है. उन्हें एक एकड़ में तकरीबन 60 हजार की लागत आ जाती है.

किन बातों का रखें ध्यान-

1.नियमित सिंचाई जरूरी 
2..जलनिकासी की व्यवस्था जरूरी ताकि पौधा ज्यादा पानी होने की वजह से सड़े नहीं
3. समय समय पर विशेषज्ञों की सलाह लेते रहें और गुड़ाई -निड़ाई पर रखें विशेष ध्यान

Image credit: Krishna Gopal (Farmer)

बाजार कहां है

भारत लीची का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. वहीं बिहार देश में पहले स्थान पर आता है. बिहार सरकार की तरफ से लीची को जीआई टैग भी मिला हुआ है. आजकल लीची का उत्पादन अमेरिका और जापान जैसे देशों में भी हो रहा है. वैसे तो लीची लोगों के पसंदीदा फलों में एक है. यह हाथों- हाथों बिक जाती है. लेकिन लीची से कई अन्य तरह के प्रोडक्ट बनते हैं, तो कई कंपनियां भी किसानों से इसे खरीदने के लिए संपर्क करती रहती हैं.  कृष्ण गोपाल बताते हैं कि वह अपने लीची की खेप मुंबई समेत देश के कई बड़े महानगरों में मांग के अनुसार भेजते रहते हैं. 

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