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झमाझम बारिश से खिले किसानों के चेहरे, बरसात ना होने पर रुकी फसलों की बुवाई हुई शुरू

गर्मी से जूझ रहे लोगों को बारिश ने राहत दी है. जून में अच्छी बरसात नहीं होने की वजह से फसलों की बुवाई रुकी हुई थी. इस बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिल नजर आए. इसी के साथ खरीफ फसलों की बुवाई में इजाफा होगा.

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बारिश होने के चलते रुकी हुई फसलों की बुवाई शुरू
बारिश होने के चलते रुकी हुई फसलों की बुवाई शुरू

जून महीने के दौरान महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही थी. कुछ जिलों में पारा तो 45 डिग्री के पार चला गया था. देह झुलसाती गर्मी से परेशान लोगों के लिए जुलाई का महीना अच्छी खबर लेकर आया है. महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में बढ़िया बारिश दर्ज की गई है. अकोला जिले में मॉनसून की पहली बारिश से लोगों को गर्मी से निजात मिली है. अच्छी बारिश नहीं होने के चलते किसानों की बुवाई रुकी पड़ी थी. ऐसे में अब बरसात में किसानों ने अपनी फसल की बुवाई-रोपाई शुरू कर दी है.

शहर के निचले इलाकों में जलजमाव

बारिश से लोगों को गर्मी से निजात मिली है. रुकी हुई बुवाई भी शुरू हो गई है. हालांकि, शहर के निचले इलाकों के लिए ये बारिश मुसीबत लेकर आई है. जिलाधिकारी कार्यालय के आरबीसी के चेंबर के समीप पानी की निकासी नहीं होने के चलते यहां की सड़कों पर भारी जलजमाव हो गया है. इससे नगर निगम की साफ सफाई की पोल खुल गई.

किसानों के लिए राहत 

झुलसती गर्मी के बीच बारिश ना होने के कारण किसानों की फसलों की बुवाई रुकी हुई थी. इस बारिश के चलते किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. रुकी हुई फसलों की बुवाई शुरू हो गई है. बता दें कि साल 2022 में बारिश में देरी के चलते किसानों को अपनी फसल की बुवाई देर से करनी पड़ी. इसके चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ था. इस दौरान फसल पर कई तरह के रोगों का प्रकोप भी दिखने को मिला था. 

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कम बारिश के चलते पिछले साल किसानों को हुआ था भारी नुकसान

महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्यों को भी कमजोर बारिश का खामियाजा भुगतना पड़ा था. उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में सूखा घोषित कर दिया गया था. मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की भी स्थिति कुछ इसी प्रकार थी.

 

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