न्यूयॉर्क सिटी में डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट जोहरान ममदानी की मेयर पद पर जीत के बाद वॉल स्ट्रीट में हलचल मच गई है. वैश्विक वित्तीय केंद्र माने जाने वाले इस शहर में अब कारोबारी हलकों के बीच यह डर गहराने लगा है कि ममदानी की नीतियां न्यूयॉर्क की व्यापारिक प्रतिस्पर्धा और निवेश माहौल को कमजोर कर सकती हैं. वह ममदानी के एजेंडे को रिस्की बता रहे हैं.
दरअसल, ममदानी की जीत को लेकर निवेशकों और वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी वामपंथी नीतियां न्यूयॉर्क को कारोबार के लिए महंगा और जटिल बना सकती हैं. ममदानी ने अपने चुनाव अभियान में वादा किया था कि वे किराए पर रोक (Rent Freeze) लगाएंगे, मुफ्त बस सेवा, यूनिवर्सल चाइल्डकेयर और शहर द्वारा संचालित किराना स्टोर शुरू करेंगे.
इन योजनाओं की फंडिंग के लिए वे अमीरों पर टैक्स बढ़ाने और कॉरपोरेट टैक्स में इजाफा करने की बात करते हैं. यही बात अब वॉल स्ट्रीट को सबसे ज़्यादा असहज कर रही है और यह चिंता बढ़ गई है कि शहर की कॉम्पिटिटिवनेस पर असर पड़ेगा.
हालांकि न्यूयॉर्क के मेयर का वॉल स्ट्रीट पर सीधे तौर पर कोई कंट्रोल नहीं होता है, लेकिन यह पद इस बात का माहौल तय करता है कि शहर बिजनेस के लिए कितना फ्रेंडली है.
डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों की जीत ट्रंप के लिए चुनौती?
रॉयटर्स के मुताबिक इंगॉल्स एंड स्नाइडर के सीनियर पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजिस्ट टिम घ्रिस्की का कहना है कि यह जीत एक दिलचस्प प्रयोग होगी. देखना यह होगा कि ममदानी न्यूयॉर्क को कितना बदलना चाहते हैं और जनता उन्हें कितना स्वीकार करती है.
वहीं कई विश्लेषकों का कहना है कि न्यूयॉर्क, वर्जीनिया और न्यू जर्सी में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों की जीत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के लिए एक चेतावनी संकेत है.
'अमीरों पर टैक्स बढ़ेगा, कारोबार घटेगा'
ओसाइक के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट फिल ब्लांकाटो ने कहा, “जब न्यूयॉर्क में एक बेडरूम का किराया 5,000 डॉलर महीने तक पहुंच चुका है, तो यह असहनीय स्थिति है. यही नाराजगी ममदानी की जीत का कारण बनी है. लेकिन अगर छोटे व्यवसायों और कॉरपोरेट पर टैक्स बढ़ता है तो इसका सीधा असर शहर की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.”
कई उद्योगपति उम्मीद कर रहे हैं कि ममदानी अपने रुख में नरमी लाएंगे या फिर उनकी कई योजनाओं को विधायी बाधाओं का सामना करना पड़ेगा.
कार्डिफ कंपनी के सीईओ डीन लियुल्किन ने कहा, “अक्सर चुनावी बयानबाजी जितनी तीखी होती है, नीतियां उतनी नहीं होतीं. लेकिन अगर दूसरे बड़े शहर भी यही रास्ता अपनाते हैं तो बाजार टैक्स और रेगुलेशन से जुड़ी अनिश्चितताओं को दामों में शामिल करना शुरू कर देगा.”
शहर चलाना बनाम अभियान चलाना
हालांकि ममदानी की प्रवक्ता डोरा पेकक ने स्पष्ट किया कि उनका 'अफोर्डेबिलिटी एजेंडा' न्यूयॉर्क की अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक है. उनके अनुसार, “जब लोगों को बेहतर जीवन गुणवत्ता और किफायती सेवाएं मिलेंगी तो वे नौकरी पर टिके रहेंगे और व्यवसाय करने की प्रेरणा बढ़ेगी. इससे शहर की उत्पादकता और स्थिरता दोनों में सुधार होगा.”
बड़े उद्योगपतियों का विरोध और नई चुनौतियां
ममदानी के मुख्य प्रतिद्वंदी एंड्रयू कूमो (पूर्व डेमोक्रेटिक गवर्नर) को हराने के बावजूद ममदानी को अब वित्तीय जगत की सख्त निगाहों का सामना करना पड़ रहा है. बिल ऐकमन और डैन लोएब जैसे बड़े निवेशकों ने उनके खिलाफ अभियान में पैसा झोंका था.
कई बिजनेसमैन ममदानी के कुछ प्रस्तावों को रोकने की कोशिश करने के लिए तैयार हैं, जिसमें शहर के स्वामित्व वाले पांच किराना स्टोर खोलना शामिल है, जो थोक कीमतों पर राशन बेचेंगे. बिजनेस कम्युनिटी में विरोधी इस प्रस्ताव को अव्यावहारिक मानते हैं. उनका कहना है कि इससे स्टोर मालिकों को नुकसान होगा.
वहीं, न्यूयॉर्क एसोसिएशन ऑफ ग्रोसरी स्टोर्स के निदेशक डेविड श्वार्ट्ज ने साफ कहा है कि वे ममदानी के 'शहर संचालित किराना स्टोर' के प्रस्ताव का विरोध करेंगे. उन्होंने भले चुनाव में यह वादा किया हो, लेकिन उसे लागू करना आसान नहीं होगा.