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इस्लामिक देश UAE की सख्ती: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट किया तो लगेगा करोड़ों का जुर्माना

संयुक्त अरब अमीरात में सोशल मीडिया पर अपमानजनक कमेंट्स या रिप्लाई करने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जेल और जुर्माना शामिल हो सकता है. अधिकारियों ने यूजर्स को चेतावनी दी है कि वे ऑनलाइन अपमान, मानहानि और दुर्व्यवहार से बचें, खासकर सरकारी अधिकारियों के खिलाफ ऐसी हरकत न करें.

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यूएई में सोशल मीडिया को लेकर सख्त कानून हैं (Representative Image: Gemini AI)
यूएई में सोशल मीडिया को लेकर सख्त कानून हैं (Representative Image: Gemini AI)

मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) कड़े कानूनों के लिए जाना जाता है जहां डिजीटल कानून भी बेहद सख्त बनते जा रहे हैं. यूएई के अधिकारियों ने अब देश के सोशल मीडिया यूजर्स को चेताते हुए कहा है कि पोस्ट ही नहीं बल्कि अगर किसी ने अपमानजनक कमेंट या रिप्लाई भी किया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. अधिकारियों के मुताबिक, किसी के खिलाफ आपत्तिजनक या अपमानजनक कमेंट करने पर दोषी को जेल की सजा हो सकती है.

शारजाह पुलिस में आपराधिक जांच विभाग के निदेशक कर्नल उमर अहमद अबू अल जवाद ने यूएई की न्यूज वेबसाइट खलीज टाइम्स से बात करते हुए कहा, 'हम सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालने वाले डिजिटल अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कानून स्पष्ट है- ऑनलाइन अपमान, चाहे वह किसी कमेंट के रूप में हो या रिप्लाई के रूप में, उसकी सजा दी जाएगी.'

कर्नल अल जवाद ने कहा कि किसी भी पब्लिक पोस्ट पर कमेंट करने की आजादी यूजर्स को दूसरों पर हमला करने, उनका मजाक उड़ाने या उन्हें मौखिक रूप से अपमानित करने का अधिकार नहीं देती है.

यूएई के अधिकारी की ये चेतावनी ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर आई है जिसमें यूजर्स के पब्लिक पोस्ट्स पर आपत्तिजनक कमेंट्स देखने को मिले हैं.

UAE में आपत्तिजनक कमेंट या रिप्लाई पर होगी इतने करोड़ की सजा

अल जवाद ने बताया कि 2021 के संघीय डिक्री कानून संख्या 34, जिसे 2024 के कानून संख्या 5 से संशोधित संशोधित किया गया है, ऑनलाइन अपमान या मानहानि के लिए कठोर दंड का प्रावधान करता है. इसके तहत कैद के साथ-साथ 250,000 दिरहम (लगभग 59 लाख, 71 हजार रुपये) से 500,000 दिरहम (लगभग 1 करोड़ 19 लाख 42 हजार) तक का जुर्माना हो सकता है. 

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ऑनलाइन अपमान या दुर्व्यवहार की ये सजा तब और भी कठोर हो सकती है जब कोई यूजर सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाता है या फिर अधिक फॉलोवर्स वाले अकाउंट से कोई कमेंट होता है.

हाल के सालों में शारजाह में इस तरह के ऑनलाइन अपराध के दर्जनों मामले दर्ज किए गए हैं. लेकिन कर्नल अल जवाद ने इस बात पर जोर दिया कि कई यूजर्स इस बारे में नहीं जानते कि इस तरह के कमेंट्स या रिप्लाई से उनके खिलाफ मामला बन सकता है और उन्हें सजा, जुर्माना हो सकता है.

दुबई पुलिस के साइबर अपराध विभाग के कार्यवाहक निदेशक मेजर अब्दुल्ला अल शेही ने भी इसी चिंता पर बात की.

उन्होंने कहा, 'चाहे लिखित पोस्ट हो, वीडियो हो, ऑडियो क्लिप हो या लाइव स्ट्रीम हो, कानून किसी भी अपमानजनक या मानहानिकारक कमेंट को पोस्ट करने पर रोक लगाता है. कई यूजर्स मानते हैं कि लाइव स्ट्रीम के दौरान आपत्तिजनक कमेंट करने से भी उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन उन्हें जान लेना चाहिए कि उनका हर शब्द रिकॉर्ड किया जाता है, उन्हें क्या कमेंट किया, इसका पता लगाया जा सकता है और इसके बाद उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.'

उन्होंने आगे कहा, 'कंटेंट क्रिएटर्स को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाना या रिप्लाई में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना कानून का उल्लंघन है. हम सभी यूजर्स से जिम्मेदारी से काम लेने, सम्मान दिखाने और यह समझने का आग्रह करते हैं कि साइबर अपराध कानून सभी पर लागू होते हैं. मुझे नहीं पता था कहना कोई वैध कानूनी बहाना नहीं है.'

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गूगल, सोशल मीडिया रिव्यू भी कानूनी पचड़े में फंसा देगा

दुबई कोर्ट्स के कानूनी सलाहकार वाल ओबैद ने कहा कि कमेंट्स की वजह से ऑनलाइन मानहानि के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. उन्होंने जानकारी दी कि अपमानजनक गूगल या सोशल मीडिया रिव्यू भी यूजर को कानूनी पचड़े में फंसा सकता है.

उन्होंने कहा, 'लोग सोचते हैं कि वे बस अपनी राय रख रहे हैं. लेकिन अगर कमेंट से किसी का अपमान होता है, उसे नैतिक हानि होती है या फिर उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, भले ही अप्रत्यक्ष रूप से, तो यह एक आपराधिक मामला बन जाता है. अदालतें डिजिटल सबूतों पर निर्भर करती हैं और ज्यादातर यूजर्स इस बात को हल्के में लेते हैं कि उनकी पहचान कितनी आसानी से की जा सकती है.'

संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों का कहना है कि यूजर्स को कुछ भी पोस्ट करने, कमेंट करने या रिप्लाई करने से पहले दो बार सोचना चाहिए. चाहे कोई वीडियो, टेक्स्ट, फोटो या लाइव स्ट्रीम पर कमेंट करे, सबका रिकॉर्ड होता है और यूजर्स अपनी पोस्ट के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार हैं.

अधिकारियों ने कहा, 'अगर आप किसी से असहमत हैं, तो उस कंटेंट को छोड़ आगे बढ़ जाएं या फिर उचित चैनल्स से उसे रिपोर्ट करें. लेकिन कभी भी गाली-गलौज का जवाब न दें. ऑनलाइन सम्मान वैकल्पिक नहीं है; यह कानून है.'

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