सिंगापुर की पीपुल्स एक्शन पार्टी ने शनिवार को लगातार 14वीं बार आम चुनावों में जीत दर्ज की और अपने छह दशक के शासन को आगे बढ़ाया. ग्लोबल ट्रेड वॉर से उत्पन्न आर्थिक उथल-पुथल के बीच सिंगापुर की जनता ने अपने नए प्रधानमंत्री को मजबूत जनादेश दिया है. 7 अगस्त, 1965 को सिंगापुर एक स्वतंत्र एवं संप्रभु राष्ट्र के रूप में विश्व के नक्शे में आया और पीपुल्स एक्शन पार्टी 1959 से ही यहां शासन कर रही है.
इन आम चुनावों में 97 संसदीय सीटों में से पीएपी ने 87 पर जीत हासिल की और विपक्षी पिछले चुनावों में मिली बढ़त को बरकरार रखने में विफल रहे. यह पीएपी की लोकप्रियता का संकेत देता है. एशिया के फाइनेंशियल हब के रूप में पहचाने जाने वाले सिंगापुर में चुनाव से पहले सत्ता पर पीएपी की मजबूत पकड़ से लोगों का मोहभंग के कुछ संकेत जरूर मिले थे, लेकिन चुनाव परिणामों ने इसे गलत साबित कर दिया. सिंगापुर की ज्यादातर आबादी ने जन्म के बाद से ही किसी दूसरी पार्टी को सत्ता में नहीं देखा है.
यह भी पढ़ें: एक भारतीय राजा, "एक भारतीय राजा, एक शेर और फिर सिंगापुर के नाम रखे जाने की कहानी...
Heartiest congratulations @LawrenceWongST on your resounding victory in the general elections. India and Singapore share a strong and multifaceted partnership, underpinned by close people-to-people ties. I look forward to continue working closely with you to further advance our…
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2025
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉरेंस वोंग को उनकी जीत पर बधाई दी. उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, 'आम चुनावों में आपकी शानदार जीत पर हार्दिक बधाई. भारत और सिंगापुर के बीच एक मजबूत और बहुआयामी साझेदारी है, जो लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों पर आधारित है. मैं हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना जारी रखने के लिए तत्पर हूं.'
यह भी पढ़ें: सस्ते में करें मलेशिया-सिंगापुर की सैर, 7 दिनों की होगी ट्रिप, जानें खर्च और टूर बुकिंग डिटेल्स
हालांकि पीएपी ने पिछले सभी चुनावों में लगातार 90 प्रतिशत सीटें जीती हैं, लेकिन इसके जनादेश की ताकत को मापने के लिए पापुलर वोट में इसके हिस्से पर बारीकी से नजर रखी जाती है. क्योंकि प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग पिछली बार पीएपी के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद अपने पहले चुनाव में अपनी छाप छोड़ने के लिए उत्सुक हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार, पीएपी को अभी औपचारिक रूप से विजेता घोषित किया जाना बाकी है, लेकिन उसे 65.57 प्रतिशत वोट मिले हैं, जो 2020 के चुनाव में प्राप्त 61.2 प्रतिशत से अधिक है.
यह भी पढ़ें: सिंगापुर की कंपनी में दिया जॉब का लालच, नौकरी का वादा करके ठग लिए 10 लाख रुपये
इस चुनाव परिणाम को अमेरिका में शिक्षा प्राप्त 52 वर्षीय वोंग के प्रति जनता के जोरदार समर्थन के रूप में देखा जाएगा, जो पिछले वर्ष सिंगापुर के चौथे प्रधानमंत्री बने थे, तथा उन्होंने निरंतरता के साथ-साथ नए जोश और नेतृत्व की नई शैली का वादा किया था. उन्होंने आधुनिक सिंगापुर के संस्थापक पूर्व नेता ली कुआन यू के पुत्र ली सीन लूंग के दो दशक के प्रधानमंत्रित्व काल के अंत के बाद पदभार संभाला था.