प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और जापान ने अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी में एक नए और सुनहरे अध्याय की नींव रखी है. दोनों देशों ने तकनीक और रक्षा समेत कई क्षेत्रों में अगले 10 साल के सहयोग का रोडमैप तैयार किया है.
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि जापान की तकनीक और भारत की प्रतिभा मिलकर बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं. ये विनिंग कॉम्बिनेशन है. उन्होंने कहा कि बदलते हालात में दोनों देशों के लिए एक-दूसरे की ताकत का सही इस्तेमाल करना ज़रूरी है.
पीएम मोदी ने कहा कि मज़बूत लोकतंत्र हमेशा बेहतर दुनिया बनाने में साझेदार होते हैं, उन्होंने बताया कि भारत-जापान की साझेदारी निवेश, नवाचार, आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण, तकनीक, स्वास्थ्य, यातायात, लोगों के आपसी संबंध और राज्यों-प्रान्तों की साझेदारी जैसे क्षेत्रों पर आधारित है.
ये बयान ऐसे समय आया है जब भारत, अमेरिका के साथ रिश्तों में तनाव और ट्रंप द्वारा 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद जापान जैसे पुराने दोस्तों के साथ संबंध मजबूत करने और निवेश बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
भारत और जापान ने न सिर्फ अगले 10 साल में भारत में 10 ट्रिलियन येन का निवेश करने का लक्ष्य तय किया है, बल्कि 13 समझौतों और एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर और दुर्लभ खनिज उनकी साझेदारी के सबसे अहम मुद्दे रहेंगे. इसी के तहत दोनों देशों ने कुछ नई पहल शुरू की हैं- जैसे सस्टेनेबल फ्यूल प्रोजेक्ट, बैटरी सप्लाई चेन साझेदारी और आर्थिक सुरक्षा सहयोग. पीएम मोदी ने कहा कि उच्च तकनीक में सहयोग दोनों देशों की प्राथमिकता है. इसी संदर्भ में अब डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 और AI सहयोग पहल पर काम किया जा रहा है.
एक बड़ी घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और जापान चंद्रयान-5 मिशन में मिलकर काम करेंगे. इसके अलावा दोनों देशों ने रक्षा और नवाचार के क्षेत्र में भी सहयोग और मजबूत करने का निर्णय लिया.