पाकिस्तान के लाहौर समेत कई शहरों में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. पुलिस और इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों के बीच लाहौर में हुईं हिंसक झड़पों के बाद कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया गया है.
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान सरकार का इस बात के लिए विरोध किया कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान का समर्थन किया है. इस दौरान टीएलपी वर्कर्स ने पीएम शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के खिलाफ नारेबाजी की जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज भी किया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, लाहौर में जामिया मस्जिद रहमत लिल आलमीन के बाहर जुमे की नमाज के लिए आ रहे नमाजियों पर पंजाब पुलिस ने कथित तौर पर गोलीबारी की. इस गोलीबारी में दर्जनों TLP कार्यकर्ता घायल हो गए. इस टकराव के बाद शहर में तनाव आर बढ़ गया जिससे TLP समर्थक भड़क गए.
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प्रमुख शहरों में इंटरनेट बंद, सड़कें सील
हालात बेकाबू होता देख पाकिस्तानी सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, पेशावर और लाहौर के प्रमुख एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट्स को सुरक्षा बलों ने सील कर दिया है.
अधिकारियों ने कहा कि ये उपाय TLP के नियोजित 'एंटी-इजरायल मार्च' को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों का हिस्सा हैं. यह मार्च "लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च" बैनर के तहत इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास की ओर निकाला जाना था.
TLP मार्च से पहले देशव्यापी कार्रवाई
पंजाब सरकार ने पहले ही सार्वजनिक सभाओं और रैलियों पर प्रतिबंध लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी है, जो 18 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी. प्रदर्शनकारियों की आवाजाही रोकने के लिए लाहौर के प्रमुख मार्गों और इस्लामाबाद के फैजाबाद इंटरचेंज सहित महत्वपूर्ण चौराहों पर कंटेनर लगा दिए गए हैं.
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देशभर में संघर्ष तेज होने और संचार ठप होने के बावजूद, कट्टरपंथी समूह ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है जिससे पाकिस्तान में हाई अलर्ट की स्थिति बनी हुई है.