scorecardresearch
 

पैनिक में PAK? इधर अफगान विदेश मंत्री भारत में, उधर काबुल में पाकिस्तान ने की एयर स्ट्राइक

कई पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स ने महसूद के मारे जाने का दावा किया, लेकिन एक ऑडियो संदेश में महसूद ने अपनी मौत या लापता होने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि वह सुरक्षित हैं और यह "दुश्मन का दुष्प्रचार" है.

Advertisement
X
पाकिस्तान ने काबुल में टीटीपी के ठिकानों पर किए हवाई हमले (Photo- Meta AI)
पाकिस्तान ने काबुल में टीटीपी के ठिकानों पर किए हवाई हमले (Photo- Meta AI)

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल गुरुवार रात धमाकों की गूंज से हिल गई. स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कैंपों को निशाना बनाकर एयर स्ट्राइक की.

यह हमला तब हुआ जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत के अपने पहले उच्च-स्तरीय दौरे पर हैं. इससे यह साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान नई दिल्ली और काबुल की बढ़ती कूटनीतिक नजदीकियों से परेशान है.

तालिबान और पाकिस्तान के संबंधों में यह घटनाक्रम एक तनावपूर्ण दौर में आया है. लंबे समय से पाकिस्तान अफगानिस्तान पर TTP को वित्तीय और सैन्य समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है.

पाकिस्तानी हवाई हमले का मकसद

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, शाहिद अब्दुल हक चौक के पास हुए हवाई हमले का उद्देश्य TTP प्रमुख नूर वली मेहसूद को निशाना बनाना था, जिसने 2018 में संगठन का नेतृत्व संभाला. हालांकि, मेहसूद ने एक ऑडियो संदेश में कहा कि वह सुरक्षित है और उसकी मौत या गायब होने की खबरें गलत हैं.

यह भी पढ़ें: ट्रंप के साम्राज्यवादी मंसूबे के खिलाफ खड़ा हुआ भारत, अफगानिस्तान पर चल दिया ये डिप्लोमेटिक दांव

Advertisement

मेहसूद ने 9/11 हमलों के बाद पाकिस्तान-अमेरिका की बीच बढ़ती हुई नजदीकियों को विश्वासघात माना था. इसके बाद से ही मेहसूद इस्लामाबाद के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. TTP ने हाल के वर्षों में कई बार पाकिस्तान में सैन्य कर्मियों पर हमले किए हैं. 8 अक्टूबर को हुए हमले में अफगान सीमा के पास 11 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.

पूर्व अमेरिकी राजदूत ज़ल्मे खलीलज़ाद ने इस हवाई हमले को "भारी वृद्धि" करार देते हुए इसे खतरनाक बताया और पाकिस्तान-तालिबान बातचीत की अपील की.

हमला पाकिस्‍तान के चेतावनी के बाद

यह हमला पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की चेतावनी के 24 घंटे बाद हुआ. आसिफ ने नेशनल असेंबली में साफ कहा था कि पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे रहा है, क्योंकि उसकी धरती को निशाना बनाने वाले आतंकवादी लगातार अफगान क्षेत्र का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि अब "बहुत हो चुका है."

तालिबान विदेश मंत्री का भारत दौरा

विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान ने काबुल में हमले का समय तालिबान और भारत को संदेश देने के लिए चुना है. तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी भारत में छह दिन के दौरे पर हैं, जिसमें वे विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे. यह बैठक तालिबान के अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद भारत और काबुल के बीच शीर्ष स्तर की अहम कूटनीतिक बातचीत होगी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'मुनीर ने अफगानिस्तान से रिश्ते जानबूझकर बिगाड़े...', पूर्व PAK पीएम इमरान खान का बड़ा आरोप

 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement