नोबेल शांति पुरस्कार का ऐलान हो चुका है. वेनेजुएला की प्रमुख राजनीतिज्ञ मारिया कोरिना मचाडो को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वर्तमान में वे वेनेजुएला में विपक्ष की नेता हैं और लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं. वेनेजुएला के नेता को नोबेल शांति पुरस्कार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ा झटका है. क्योंकि ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि 8 युद्ध रुकवाने के लिए उन्हें यह पुरस्कार मिलना चाहिए.
डोनाल्ड ट्रंप को पुरस्कार मिलने की बात को कई देशों के राजनेताओं ने भी समर्थन किया था. पाकिस्तान, इजरायल, अर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया और रवांडा ने ट्रंप के पक्ष में समर्थन जताया था.
कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो?
मारिया कोरिना मचाडो 2011 से 2014 तक वेनेजुएला की राष्ट्रीय सभा की निर्वाचित सदस्य के रूप में काम कर चुकी हैं. वह वेनेजुएला की वर्तमान सरकार के खिलाफ लोकतांत्रिक आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं.
मारिया का जन्म 7 अक्टूबर 1967 को हुआ था और वे एक औद्योगिक इंजीनियर हैं. वर्तमान में वह विपक्ष की नेता हैं. मारिया का नाम साल 2025 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में भी है.
नोबेल शांति पुरस्कार 2025
नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा की गई. यहां मारिया को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया. इस पुरस्कार के साथ उन्हें क़रीब 7 करोड़ रुपये की राशि और मेडल मिलेगा.
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इस बार के शांति पुरस्कार के लिए 338 लोगों या संस्थाओं का नामांकन प्राप्त हुआ था, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप का भी नाम शामिल था. लेकिन मारिया ने ट्रंप को पछाड़ते हुए यह पुरस्कार जीत लिया.
पूर्व में मिले सम्मान
मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल शांति पुरस्कार से पहले भी कई इंटरनेशनल पुरस्कार मिल चुके हैं. उन्हें 2024 में यूरोपीय संघ का सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह यूरोपीय संघ का सर्वोच्च मानवाधिकार पुरस्कार है.