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आफताब, ममदानी और... भारतीय मूल के तीन मुस्लिम जिन्होंने ट्रंप को चखाया हार का स्वाद!

जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में जीत दर्ज की. गजाला हाशमी ने वर्जीनिया में लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीता, जबकि आफताब पुरेवाल ने सिनसिनाटी के मेयर के तौर पर दूसरी बार जीत हासिल की. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने खुद ये चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन उनका प्रभाव और उनके समर्थन से खड़े उम्मीदवार मैदान में थे.

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आफताब पुरेवाल, जोहरान ममदानी और गजाला हाशमी ने क्रमशः सिनसिनाटी, न्यूयॉर्क सिटी और वर्जीनिया में जीत हासिल की। ​​(File Photo-Pureval)
आफताब पुरेवाल, जोहरान ममदानी और गजाला हाशमी ने क्रमशः सिनसिनाटी, न्यूयॉर्क सिटी और वर्जीनिया में जीत हासिल की। ​​(File Photo-Pureval)

भारतीय मूल के तीन मुस्लिम उम्मीदवारों ने अमेरिकी राजनीति में इतिहास रच दिया है. इन तीनों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर जीत हासिल कर डोनाल्ड ट्रंप को उनकी राष्ट्रपति चुनावी जीत के बाद पहली बड़ी हार दी है. जोहरान ममदानी, आफताब पुरेवाल और गजाला फिरदौस हाशमी... ये तीन नाम मंगलवार रात अमेरिका की चुनावी सुर्खियों में छाए रहे.

जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में जीत दर्ज की. गजाला हाशमी ने वर्जीनिया में लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीता, जबकि आफताब पुरेवाल ने सिनसिनाटी के मेयर के तौर पर दूसरी बार जीत हासिल की. तीनों ही भारतीय मूल के मुस्लिम हैं और ट्रंप समर्थित रिपब्लिकन उम्मीदवारों को हराकर डेमोक्रेट्स को मजबूती दी है.

ट्रंप के प्रभाव को चुनौती

हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने खुद ये चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन उनका प्रभाव और उनके समर्थन से खड़े उम्मीदवार मैदान में थे. न्यूयॉर्क में ट्रंप ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो को समर्थन दिया था और धमकी दी थी कि अगर ममदानी जीतते हैं तो न्यूयॉर्क को संघीय फंडिंग रोक दी जाएगी. क्यूमो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

वहीं वर्जीनिया में 61 वर्षीय गजाला हाशमी ने रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन रीड, जो एक रेडियो जॉकी हैं, को हराकर इतिहास रच दिया. वह वर्जीनिया की पहली भारतीय-अमेरिकी और पहली मुस्लिम लेफ्टिनेंट गवर्नर बनीं.

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सिनसिनाटी में मेयर आफताब पुरेवाल ने ट्रंप के समर्थक कोरी बोमन को हराया, जो अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के सौतेले भाई हैं.

मतदाताओं का संदेश- ट्रंप की नीतियों से असहमति

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, कई राज्यों में आधे से अधिक मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने अपना वोट ट्रंप के लिए संदेश देने के उद्देश्य से डाला. ट्रंप की टैरिफ और इमिग्रेशन नीतियों के प्रति असंतोष स्पष्ट रूप से झलकता दिखा. इन परिणामों ने न केवल डेमोक्रेटिक पार्टी को मनोवैज्ञानिक बढ़त दी है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि ट्रंप की लोकप्रियता में गिरावट आ रही है.

कौन हैं जोहरान ममदानी?

जोहरान ममदानी का जन्म कंपाला, युगांडा में हुआ था. उनके पिता मह्मूद ममदानी एक प्रसिद्ध मानवविज्ञानी (Anthropologist) हैं और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. उनकी मां मीरा नायर एक मशहूर भारतीय मूल की फिल्ममेकर हैं.

जोहरान के पिता का पैतृक संबंध गुजरात से है. ममदानी ने बचपन का कुछ हिस्सा केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) में बिताया और फिर 7 साल की उम्र में न्यूयॉर्क आ गए. उन्होंने 2018 में अमेरिकी नागरिकता प्राप्त की.

इस साल की शुरुआत में उन्होंने सीरियाई-अमेरिकी कलाकार रमा दुवाजी से शादी की, जिनसे उनकी मुलाकात डेटिंग ऐप ‘Hinge’ पर हुई थी.

34 वर्षीय ममदानी डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े एक सोशलिस्ट विचारधारा के नेता हैं. उन्होंने जून में हुए प्राथमिक चुनाव में एंड्रयू क्यूमो को हराया था और अब 1 जनवरी से न्यूयॉर्क के मेयर का पद संभालेंगे.

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कौन हैं गजाला हाशमी?

गजाला हाशमी का जन्म 1964 में भारत के हैदराबाद में हुआ था. उनका पारिवारिक मूल कराची (अब पाकिस्तान) से जुड़ा है. वह मात्र 4 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ अमेरिका आ गई थीं और जॉर्जिया में पली-बढ़ीं.

उन्होंने जॉर्जिया साउदर्न यूनिवर्सिटी से अंग्रेज़ी में स्नातक और एमोरी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली. गजाला ने 2019 में रिपब्लिकन सीट जीतकर वर्जीनिया की राजनीति में तहलका मचा दिया था और अब वह लेफ्टिनेंट गवर्नर बनकर राज्य की पहली मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी अधिकारी बन गई हैं.

उनकी लोकप्रियता सिर्फ भारतीय मूल के लोगों में नहीं, बल्कि पाकिस्तानी और अन्य दक्षिण एशियाई समुदायों में भी रही है.

कौन हैं आफताब पुरेवाल?

आफताब पुरेवाल, 43, ओहायो के सिनसिनाटी शहर के मेयर हैं. वह 2021 में इस पद पर चुने गए पहले एशियाई-अमेरिकी मेयर बने थे और अब उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की है. उनके पिता पंजाबी हैं और मां तिब्बती शरणार्थी. बचपन से ही उन्हें राजनीति में दिलचस्पी थी. कक्षा 8 में उन्होंने अपने पहले छात्र चुनाव में “Big, Brown and Beautiful” नारे के साथ जीत दर्ज की थी.

उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी कॉलेज ऑफ लॉ से ग्रेजुएशन किया और 2008 में वाशिंगटन डीसी की एक लॉ फर्म में नौकरी की. बाद में उन्होंने न्याय विभाग में सहायक अमेरिकी अटॉर्नी के रूप में काम किया. 2013 में वह प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) से जुड़े और स्किनकेयर ब्रांड Olay के लीगल काउंसल बने. 2016 में उन्होंने कॉरपोरेट करियर छोड़कर राजनीति की राह पकड़ी.

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बराक ओबामा की बधाई

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक्स (Twitter) पर सभी डेमोक्रेटिक विजेताओं को बधाई दी. उन्होंने लिखा, “आज जीतने वाले सभी डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों को बधाई. जब हम मजबूत, दूरदर्शी नेताओं के साथ एकजुट होते हैं, तो हम जीत सकते हैं. अभी भी बहुत काम बाकी है, लेकिन आज भविष्य कुछ ज्यादा उज्जवल दिखता है.”

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