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चीन को झटका देने की तैयारी में मोदी सरकार, उठाया ये बड़ा कदम

सस्ते चीनी सामानों के आयात पर अंकुश लगाने के लिए सरकार टेक्निकल, प्रोटेक्टिव और बिल्ड टेक कपड़ा उत्पादों के लिए क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम (QCOs) लाने की तैयारी में है. सरकार इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के परामर्श से और QCOs की मदद से प्रोडक्ट की बेहतर क्वालिटी सुनिश्चित करना चाहती है.

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

आर्थिक मोर्चे पर चीन को झटका देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. सस्ते चीनी सामानों के आयात पर अंकुश लगाने के लिए सरकार टेक्निकल, प्रोटेक्टिव और बिल्ड टेक टेक्सटाइल  जैसे कपड़ा उत्पादों के लिए क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम लाने की तैयारी में है.

इस सिस्टम का नाम क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने QCO के तहत 2,000 से अधिक उत्पादों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल बेडशीट, तकिया कवर, जूता कवर, नैपकिन, बेबी डायपर, बाड़ लगाने के जाल और कीट जाल जैसे उत्पादों को QCOS के दायरे में लाया गया है.

अंग्रेजी अखबार 'द मिंट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से जुड़े दो लोगों का कहना है कि सरकार क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स को अमल में लाने के लिए तैयार है. इस पहल का उद्देश्य सस्ते चीनी सामानों के आयात पर अंकुश लगाना और क्वालिटी कंट्रोल करने के उपायों को बढ़ावा देकर ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन में भारत की स्थिति को मजबूत करना है.

सरकार इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के परामर्श से और QCOs की मदद से प्रोडक्ट की बेहतर क्वालिटी सुनिश्चित करना चाहती है. जिससे बेहतरीन ग्लोबल प्लेयर्स भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की शुरुआत करें. हालांकि, भारत ने निर्यात को क्वालिटी कंट्रोल ऑडर्स के दायरे में नहीं रखा है.

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पीपीई किट और मास्क भी QCOs के दायरे में

टेक्निकल वस्त्रों में पीपीई किट और मास्क को QCOs के दायरे में रखा गया है. जबकि प्रोटेक्टिव यानी सुरक्षात्मक वस्त्रों में अग्निशामकों और कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए इस्तेमाल होने वाले सेफ्टी किट्स को इस दायरे में रखा गया है. बिल्ड-टेक वस्त्रों में लोड बेयरिंग और विभिन्न कंस्ट्रक्शन से रिलेटड वस्त्र शामिल हैं. 

रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने टेक्सटाइल इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है. इनमें पीएम मित्रा पार्क, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन, समर्थ और नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट प्रोग्राम जैसी पहलों के माध्यम से कौशल अंतराल और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है.

घटिया माल के आयात पर अंकुश लगाने की योजना

मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने मिंट से बात करते हुए कहा, "हमने दो मुख्य उद्देश्यों के साथ QCOs को पेश किया है. एक- उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना और दूसरा- घटिया माल के आयात पर अंकुश लगाना. हमारा प्रयास भारतीय टेक्सटाइल को एक गुणवत्तापूर्ण उत्पाद के रूप में स्थापित करना है. टेक्निकल टेक्साइटल का संबंध सुंदरता के बजाय परफॉर्मेंस से है.

पीपीई किट के मामले में विशेष टेक्निकल मानदंडों जैसे वायरल सुरक्षा मानकों और ब्लड सर्कुलेशन जैसी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा. यही कारण है कि इन कपड़ों के लिए QCOs आवश्यक है.

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मामले से जुड़े दूसरे व्यक्ति का कहना है कि  QCOs के नए मापदंडों को लेकर भी बातचीत जारी है. यह एग्रीकल्चर और बिल्ड टेक कपड़ों के लिए होगा, जिसे आने वाले महीनों में पेश किए जाने की उम्मीद है. हालांकि, कपड़ा मंत्रालय की ओर से इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. 

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक देश

भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2023 - फरवरी 2024 की अवधि के दौरान भारत का कुल कपड़ा निर्यात 30.96 अरब डॉलर का था. जबकि एक साल पहले लगभग 32.33 अरब डॉलर के करीब था. ग्लोबल मार्केट में 4.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कपड़ा और परिधान निर्यातक देश है.

वहीं, विभिन्न श्रेणियों के कपड़ा निर्यातक देशों में भारत शीर्ष पांच में शामिल है. वित्तीय वर्ष 2026 तक यह आंकड़ा 65 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

चूंकि, भारत गुणवत्ता नियंत्रण उपायों को बढ़ाकर ग्लोबल मैन्युफैक्चिरिंग और सप्लाई चेन में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है. इसलिए वह विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता यानी एफटीए पर भी बातचीत कर रहा है. इस समझौते से मैन्युफैक्चरड वस्तुओं पर आयात शुल्क कम होने और देश में घटिया क्वालिटी के वस्तुओं पर अंकुश लगने की उम्मीद है.

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फिलहाल भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) घरेलू स्तर पर निर्मित उत्पादों और आयात दोनों पर लागू होता है. कुछ देश बीआईएस-प्रमाणित वस्तुओं को मान्यता भी देते हैं. क्यूसीओ के आने से अधिक से अधिक देशों को बीआईएस-प्रमाणित उत्पादों को मान्यता देने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे कपड़ा क्षेत्र में भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ावा मिलेगा.

इसके अलावा QCOs के लागू होने से निर्माताओं को कड़े नियमों का पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. QCOs लागू हो जाने के बाद कंपनियां ISI मार्क के बिना QCOs के अंतर्गत आने वाले उत्पादों से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकती हैं. नियमों के उल्लंघन पर जेल की सजा और जुर्माने सहित दंड भी हो सकता है.
 

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