विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक के बाद कहा कि समिट के दौरान 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसमें एक पृथ्वी, एक फैमिली, एक फ्यूचर के विचार पर कम्युनिकेशन डवलप करना और बाजरा जैसे पौष्टिक अनाज के उपयोग को बढ़ावा देकर ग्लोबल फूड सिक्योरिटी और न्यूट्रीशन को बढ़ावा देना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि SCO समिट की सार्थक बैठक आज इस्लामाबाद में संपन्न हुई. इसमें भारत ने विचार-विमर्श में सकारात्मक और रचनात्मक योगदान दिया. जयशंकर ने कहा कि इस समिट के 8 takeaways रहे.
1- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य ( One Earth, One Family, One Future) के विचार पर संवाद विकसित करना.
2- SCO स्टार्टअप फोरम, स्टार्टअप, इनोवेशन और पारंपरिक चिकित्सा पर SWG जैसी भारतीय पहलों का एससीओ सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया.
3- DIP और डिजिटल समावेशन SCO कोऑपरेशन का हिस्सा बन रहे हैं.
4- SCO अब मिशन लाइफ से प्रेरणा लेकर UNSDG की तरह नतीजे हासिल कर रहा है.
5- बाजरा जैसे क्लाइमेट फ्रेंडली और पौष्टिक अनाज के उपयोग को बढ़ावा देकर ग्लोबल फूड सिक्योरिटी और न्यूट्रीशन को बढ़ावा देना.
6- इंटरनेशनल लॉ, यूएन चार्टर और एससीओ चार्टर के लक्ष्य और सिद्धांतों के अनुसार निष्पक्ष और संतुलित कनेक्टिविटी परियोजनाओं को कायम रखना.
7- WTO को केंद्र में रखते हुए नियम-आधारित, गैर-भेदभावपूर्ण, खुले, निष्पक्ष, समावेशी और पारदर्शी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर फिर से जोर देना.
8- संरक्षणवादी कार्रवाइयों, एकतरफा प्रतिबंधों और व्यापार प्रतिबंधों का विरोध करना, जो बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कमजोर करते हैं और वैश्विक सतत विकास में बाधा डालते हैं.
SCO समिट में हिस्सा लेकर जयशंकर भारत के लिए रवाना
विदेशमंत्री एस. जयशंकर पाकिस्तान में SCO समिट में हिस्सा लेने के बाद भारत के लिए रवाना हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि इस्लामाबाद से प्रस्थान कर रहा हूं, आतिथ्य और शिष्टाचार के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार और पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद.
पाकिस्तान और चीन को लेकर कही थी ये बात
इससे पहले जयशंकर ने SCO शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान-चीन के सीपीईसी प्रोजेक्ट के कारण भारतीय संप्रभुता के उल्लंघन का मुद्दा उठाया था. जयशंकर ने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों का सहयोग परस्पर सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए. यह जरूरी है कि सभी देश क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दें. इसके लिए वास्तविक साझेदारी का निर्माण होना चाहिए, न कि एकपक्षीय एजेंडे पर आगे बढ़ा जाना चाहिए.