विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र से इतर मेक्सिको, साइप्रस और कई प्रशांत द्वीपीय देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और वैश्विक साझेदारी को मज़बूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.
सोशल मीडिया पर इन बैठकों की जानकारी साझा करते हुए जयशंकर ने बताया कि उन्होंने बुधवार को मेक्सिको के विदेश सचिव जुआन रेमन डे ला फुएंते से मुलाकात की. दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और एक नया रोडमैप तैयार करने पर सहमत हुए.
उन्होंने साइप्रस के विदेश मंत्री कॉन्स्टेंटिनोस कोम्बोस के साथ भी बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा के बाद से हुए प्रगति की समीक्षा की.
'कोम्बोस का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक...'
एस. जयशंकर ने कहा, "यूरोप के घटनाक्रमों पर उनकी अंतर्दृष्टि की सराहना करता हूं. संयुक्त राष्ट्र के सहमत ढांचे और प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों के मुताबिक साइप्रस समस्या के व्यापक और स्थायी समाधान के समर्थन की पुष्टि की. मैं कोम्बोस का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं."
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विदेश मंत्री ने बुधवार को FIPIC (भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच) विदेश मंत्रियों की बैठक (FMM) के दौरान कई प्रशांत देशों के नेताओं से भी मुलाकात की. उन्होंने मार्शल द्वीप समूह के विदेश मंत्री कलानी कानेको, तुवालु के विदेश मंत्री पॉलसन पनापा और पलाऊ के विदेश मंत्री गुस्ताव ऐतारो से बातचीत की और प्रशांत क्षेत्र से जुड़ाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.
जयशंकर ने सोलोमन द्वीप समूह के विदेश मंत्री पीटर शानेल अगोवाका और टोंगा के प्रधानमंत्री डॉ. आइसाके वालु एके से भी मुलाकात की.