छह दिन पहले यानी 7 अक्टूबर को फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर हमला किया. इस अटैक का बदला लेते हुए इजरायल ने गाजा पट्टी पर कई एयरस्ट्राइक कीं, जो अब भी जारी हैं. इस जंग में अब तक इजरायल के 1200 से ज्यादा तो वहीं गाजा-पट्टी में 900 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. एक तरफ इजरायल लगातार हमास के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हमास भी रुक-रुककर गाजा पट्टी से इजरायल पर रॉकेट फायर कर रहा है. इस बीच आजतक की टीम इजरायल के उस शहर पहुंची, जहां हमास के आतंकियों ने सबसे पहले कत्लेआम को अंजाम दिया था.
अश्कलोन... दक्षिणी इजरायल का वह शहर, जिसकी दूरी गाजा पट्टी से महज 30 से 35 किलोमीटर है. इस शहर से ही गाजा पट्टी की बॉर्डर लगी हुई है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकी मोटर लगे पैराशूट में सवार होकर इसके नजदीक ही उतरे थे. यहां एक म्यूजिक फेस्टिवल चल रहा था, जिसमें पहुंचकर हमास के आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की और सैंकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया. हमास की इस बर्बरता को 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अश्कलोन के लोगों के मन में डर इस कदर बैठ चुका है कि यह पूरा इलाका खाली हो चुका है. यहां घूमने पर पूरा शहर भूतिया टाउन (Ghost Town) की तरह लगता है.

'डर नहीं, अपनी जमीन के लिए लड़ रहे'
आज तक की टीम जब अश्कलोन की समुद्री सीमा के पास पहुंची तो दूर-दूर तक सिर्फ सन्नाटा ही नजर आया. दक्षिणी इजरायल के सबसे बड़े शहर अश्कलोन की ज्यादातर दुकानें बंद हैं. कुछ कॉफी शॉप सिर्फ सुबह-सुबह खुलती हैं, जहां इजरायली सेना और सुरक्षाबल के जवान ही बैठे दिखते हैं. कॉफी शॉप में मौजूद कुछ गिने-चुने लोगों में से एक नोआ ने बताया कि यहां स्थिति अच्छी तो नहीं है, लेकिन उन्होंने शहर छोड़कर ना जाने का फैसला किया है. नोआ का कहना है कि उसके मन में जरा भी डर नहीं है, क्योंकि वह अपनी जमीन के लिए लड़ रहे हैं.

एक दिन पहले ही घुसे थे 7 आतंकी
अश्कलोन में रॉकेट हमले हुए, जिसमें एक पुलिसवाले का घर भी जल गया. इस अटैक में बाल-बाल बचीं महिलाएं यह देखने वापस आईं हैं कि रॉकेट हमले के बाद उनका घर किस कदर बर्बाद हो गया है. इन महिलाओं में से ही एक नैंसी ने बताया कि उनके लिए यह स्थिति किसी प्रलय से कम नहीं है. शहर में अब भी हमले बंद नहीं हुए हैं. एक दिन पहले ही हमास के 7 आतंकी समुद्री रास्ते से अश्कलोन में घुस गए थे. यहां काफी सख्त सुरक्षा व्यवस्था है, लेकिन फिर भी लोगों को घर से ना निकलने की सलाह दी गई है.

सबसे ज्यादा घुसपैठ अश्कलोन में ही
आज तक की टीम को यहां एक बुजुर्ग महिला मिलीं. उन्होंने कुछ भारतीय गानों की धुन सुनाते हुए बताया कि सड़कें सूनी हैं. सन्नाटा है. लेकिन आसमान में मंडराते हेलिकॉप्टरों का शोर हर तरफ है. आतंकी हमले के बाद से यहां के लोग अपने घर खाली करके दूसरे शहरों में चले गए हैं. दरअसल, गाजा पट्टी की तरफ से सबसे ज्यादा घुसपैठ सुमद्री रास्ते से अश्कलोन में ही होती है. यहां के लोगों में डर किस कदर बैठ चुका है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आजतक की टीम जब यहां वीडियो शूट कर रही थी तभी किसी ने पुलिस को फोन कर दिया. हालांकि, पूछताछ के बाद पुलिस की शंका दूर हो गई.

नाविकों को नाव में जाने की इजाजत नहीं
यहां के नाव मालिकों ने अपनी नावों को चुपचाप बंदरगाह पर बांध दिया है. लोगों को उनकी नाव में जाने की इजाजत नहीं है. मेरिनर जुआन नाम के शख्स ने बताया कि एक रात पहले ही कुछ आतंकवादी समुद्री रास्ते से यहां घुसे थे, जिनमें से कुछ को सेना ने मार गिराया. 80 साल के डोरिस ने कहा कि हमास की करतूत देखकर देखकर उनका मन दर्द से भर उठा है. डोरिस का कहना है कि इस बार हमास खत्म हो जाएगा तभी इस्राइल में शांति आ सकेगी.

हमास ने हमले को कैस दिया अंजाम
माडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन हमास ने पूरा प्लान पहले ही तैयार कर लिया था. प्लान को हमास की 5 यूनिट्स ने अंजाम दिया. सबसे पहले सुबह 6.30 बजे मिसाइल यूनिट के जरिए 3 हजार रॉकेट दागे गए. इतने बड़े हवाई हमले से इजरायल के लोग सकते में आ गए. फिर एयरबॉर्न यूनिट के जरिए पैराग्लाइडर से आतंकी इजरायल में घुसे. फिर कमांडो यूनिट ने जमीन पर बाड़ काटी और गाजा पट्टी से आतंकी इजरायल में दाखिल हुए. इस दौरान हमास की ड्रोन यूनिट हमला करने और सूचना जुटाने में जुटी रही. इजरायल का अनुमान है हमास के करीब 1000 लड़ाकों ने घुसपैठ की.