इजरायल और हमास जंग लगभग दो साल से बदस्तूर जारी है. इसे खत्म करने की कोशिशें अभी तक कामयाब नहीं हो पाई है. ऐसे में हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सात अक्टूबर को इजरायल पर हमले को जायज ठहराया.
गाजा युद्ध के बाद पहली बार अमेरिकी टीवी को दिए इंटरव्यू में हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी गाजी हमाद ने कहा कि सात अक्तूबर ने फिलिस्तीन को एक सुनहरा मौका दिया. उन्होंने कहा कि क्या आपको पता है कि सात अक्तूबर का क्या फायदा हुआ? कल आपने संयुक्त राष्ट्र महासभा को देखा, तकरीबन 194 लोगों ने अपनी आंखें खोलीं और इजरायल की क्रूरता और अत्याचार को देखा. उन सभी ने इजरायल की निंदा की. हम इस पल का 77 साल से इंतजार कर रहे थे. मुझे लगता है कि इतिहास बदलने के लिए यह दुनिया के पास सुनहरा मौका है.
हमाद ने इजरायल पर सात अक्टूबर के हमले को गोल्डन मोमेंट बताया लेकिन उन्होंने गाजा में 65000 से ज्यादा मौतों को इसकी कीमत बताकर स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि इसकी कीमत बहुत अधिक है लेकिन विकल्प क्या है?
उन्होंने कहा कि ये हमला इजराइल की क्रूरता को उजागर करने में सफल रहा. इसी हमले की वजह से इजराइल की आक्रामकता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दी. फलस्तीनी को मान्यता देना 7 अक्टूबर का फल है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा का जिक्र किया, जहां194 देशों ने इजराइल की कार्रवाई को क्रूर बताते हुए कहा कि यह 77 साल पुराने संघर्ष में पहली बड़ी जीत है.
हमाद ने कहा कि हमास फलस्तीनियों के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इजराइल और अमेरिका मुख्य दोषी हैं. हमने प्रतिरोध चुना क्योंकि चुप रहना विकल्प नहीं था. बंधकों की रिहाई पर हमाद ने कहा कि बंधक सुरक्षित हैं, लेकिन रिहाई के लिए इजराइल को युद्ध रोकना होगा. हम कभी हथियार नहीं छोड़ेंगे. हमाद का बयान उसी दिन आया है, जब फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में सात अक्टूबर के हमले की निंदा की.