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इराक की संसद में भिड़ गए शिया और सुन्नी सांसद, जमकर चले लात-जूते; Video

इराक की संसद से अराजकता की खबरें आती रही हैं. अब खबर है कि संसद में शिया और सुन्नी सांसदों के बीच जमकर लड़ाई हुई है. इस दौरान एक सुन्नी सांसद के आंख में गंभीर चोट लगी है.

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इराक की संसद में सांसदों के बीच मारपीट की घटना है (Representative Image- Gemini AI)
इराक की संसद में सांसदों के बीच मारपीट की घटना है (Representative Image- Gemini AI)

शिया मुस्लिम बहुल इराक की संसद से अराजकता की खबरें सामने आ रही हैं जिसमें सांसदों को पीटने और एक-दूसरे पर जूता फेंकने की घटनाएं शामिल हैं. यह घटना मंगलवार की बताई जा रही है जिसमें इराकी संसद के हॉल में शिया और सुन्नी सांसद आपस में भिड़ गए. सांसदों के बीच संघीय सेवा और राज्य परिषद के उम्मीदवारों के लिए वोटिंग को लेकर विवाद शुरू हुआ जो जल्द ही हाथापाई में बदल गया.

इराक के स्थानीय अखबारों के मुताबिक, इस दौरान सुन्नी सांसद राद अल-दहलाकी पर हमला किया गया जिससे उन्हें शारीरिक चोट आई है. सांसद की आंख में चोट लगी है. घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमें सांसद एक-दूसरे से भिड़ते दिख रहे हैं.

इराकी न्यूज एजेंसी Al-Sa’a से बात करते हुए एक सूत्र ने बताया, 'संसद के अध्यक्ष महमूद अल-मशहदानी जरूरी संख्या में सांसदों की उपस्थिति न होने के कारण सदन से चले गए जिसके बाद संसदीय सत्र अराजकता में डूब गया. इसके बावजूद, प्रथम उपसभापति मोहसिन अल-मंडलावी के नेतृत्व में सत्र का आयोजन हुआ.'

सूत्र ने आगे बताया, 'विवाद तब हुआ जब सत्र का बहिष्कार करने वाले तकद्दुम गठबंधन के सांसदों ने शिया गुटों के साथ मिलकर संघीय सेवा और राज्य परिषद के उम्मीदवारों के लिए मतदान किया, जिससे आक्रोश फैल गया.'

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किस बात को लेकर संसद में भिड़ गए ईराकी सांसद?

संघीय सेवा और राज्य परिषद के पद सुन्नी और शिया गुटों के बीच विभाजित किए जाने थे, लेकिन तकद्दुम और शिया गुटों के सांसदों ने राजनीतिक सहमति को दरकिनार करते हुए दोनों पदों पर शिया उम्मीदवारों के लिए मतदान किया.

इसे लेकर संसद भवन के बाहर, संसद के कैफेटेरिया में तनाव चरम पर पहुंच गया. स्पीकर महमूद अल-मशहदानी ने जोर-जोर से विरोध करना शुरू कर दिया और कहा कि वोटिंग सुन्नी समुदाय के अधिकारों के साथ अन्याय है. इस पर शिया सांसद अला अल-हैदरी ने एक 'घिनौनी सांप्रदायिक' गाली दी, जिसके बाद सुन्नी सांसद राद अल-दहलाकी के साथ उनकी हाथापाई शुरू हो गई.

स्थिति तब बेकाबू हो गई जब लगभग 50 सांसदों ने कथित तौर पर अल-दहलाकी पर हमला कर दिया और उन्हें बेरहमी से पीटा. सूत्र ने खुलासा किया कि तकद्दुम गठबंधन और अन्य सुन्नी दलों के सांसद हमले को रोक नहीं पाए. केवल एक सुन्नी सांसद महमूद अल-कैसी सामने आए और उन्होंने बहादुरी से अल-दहलाकी को भीड़ से बचाने की कोशिश की.

इराक की संसद में पहले भी इसी तरह के विवाद हो चुके हैं. मई 2024 में, संसद के अध्यक्ष के चुनाव से जुड़े विवाद को लेकर कई सांसदों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. उस समय यह पद छह महीने से खाली था.

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इराक शिया बहुल मुस्लिम देश हैं जो देश की जनसंख्या का 55-65% हिस्सा हैं. इराक में सुन्नी मुसलमानों की भी अच्छी-खासी आबादी है और ये कुल आबादी का लगभग 35-40% हिस्सा हैं.

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