अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति से भारत के व्यापार पर बड़ा असर पड़ा है. 25 फीसदी टैरिफ तो भारत पर पहले से ही लागू है, अब अगले चार दिन बाद अतिरिक्त 25 फीसदी लागू हो जाएगा. हाल में ही अमेरिकी प्रतिनिधि दिल्ली में व्यापार को लेकर बैठक करने वाले थे. लेकिन उसे भी स्थगित कर दिया गया. ये भारत के लिए बड़ा झटका रहा.
इन बस के बीच भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा लगातार अमेरिकी सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं. 9 अगस्त से अब तक क्वात्रा 19 अमेरिकी सीनेटर और कांग्रेस सदस्यों से मिल चुके हैं. इन बैठकों में उन्होंने संतुलित व्यापारिक संबंधों और ऊर्जा सुरक्षा पर विशेष जोर दिया है.
संतुलित व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा पर बातचीत
क्वात्रा ने शुक्रवार को क्लाउडिया टेनी से मुलाकात की, जो ‘वेज एंड मीन्स कमेटी’ तथा ‘हाउस इंटेलिजेंस कमेटी’ की सदस्य हैं. बैठक में दोनों नेताओं ने संतुलित व्यापार संबंध और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की.
इसके अलावा, क्वात्रा ने कांग्रेस सदस्य जोनाथन एल जैक्सन और हेले स्टीवंस से भी बातचीत की. उन्होंने अमेरिका से भारत की हाइड्रोकार्बन खरीद को भारत की ऊर्जा सुरक्षा का अहम हिस्सा बताया और इसके महत्व पर ज़ोर दिया.
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अमेरिका के टैरिफ से बढ़ा तनाव
टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच संबंध बीते कई दशकों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल ख़रीदकर यूक्रेन के खिलाफ संघर्ष में मदद करने को लेकर भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है.
इसके अलावा, अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों को भारत में पहुंचाना चाहता था. लेकिन भारत सरकार ने देश के किसानों के हित में अमेरिका के कृषि-डेयरी के प्रस्तावों को खारिज कर दिया.
भारत सरकार ने अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने के फैसले को अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण बताया है.
इनपुट: पीटीआई