दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में शुमार अल्बर्ट आइंस्टाइन द्वारा करीब 100 साल पहले लगाया गया एक अनुमान आखिरकार सच साबित हुआ है. दरअसल, करीब सवा अरब साल पहले ब्रह्मांड में 2 ब्लैक होल में टक्कर हुई थी. यह टक्कर इतनी भयंकर थी कि अंतरिक्ष में उनके आसपास मौजूद जगह और समय, दोनों बिगड़ गए. इस बाबत आइंस्टाइन ने कहा था कि इस टक्कर के बाद अंतरिक्ष में हुआ बदलाव सिर्फ टकराव वाली जगह पर सीमित नहीं रहेगा.
गौरतलब है कि 100 साल पहले आइंस्टाइन ने कहा था कि इसके बाद अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण तरंगें पैदा हुईं और ये तरंगें किसी तालाब में पैदा हुई तरंगों की तरह आगे बढ़ती हैं. अब दुनिया भर के वैज्ञानिकों को आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (सापेक्षता के सिद्धांत) के सबूत मिल गए हैं. इसे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता माना जा रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें ब्लैक होल की टक्कर के बाद पैदा हुई ग्रेविटेशनल तरंगें मिल गई हैं.
ब्लैक होल की भी हुई पुष्टि
इस खोज से न सिर्फ आइंस्टाइन की यह थ्योरी सही साबित हुई है, बल्कि इससे पहली बार 2 टकराने वाले ब्लैक होल की भी पुष्टि हुई है. इस खोज के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इसे हमारी सदी की सबसे बड़ी वैज्ञानिक खोज करार दिया है. आइंस्टाइन से पहले तक अंतरिक्ष और समय को किसी भी असर से मुक्त माना जाता था.
बता दें कि दशकों से वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या गुरुत्वाकर्षण तरंगें वाकई दिखती हैं. इसकी खोज करने के लिए यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने लीज पाथफाइंडर नाम का स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा था.
PM ने भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुत्वाकषर्ण तरंगों की ऐतिहासिक खोज पर प्रसन्नता व्यक्त की है और परियोजना में भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना की. उन्होंने ट्वीट किया, 'अत्यधिक गर्व है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने इस चुनौतीपूर्ण खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.' मोदी ने माइक्रोब्लागिंग वेबसाइट पर सिलसिलेवार पेास्ट में कहा, 'गुरूत्वीय तरंगों की ऐतिहासिक खोज ने ब्रह्मांड को समझने के लिए एक नया मोर्चा खोल दिया है.'
Historic detection of gravitational waves opens up new frontier for understanding of universe!
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2016
Immensely proud that Indian scientists played an important role in this challenging quest.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2016
Hope to move forward to make even bigger contribution with an advanced gravitational wave detector in the country.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2016
मोदी ने कहा, 'देश में एक विकसित गुरूत्वीय तरंग अन्वेषक के साथ और अधिक योगदान के लिए आगे बढ़ने की उम्मीद करता हूं.'