रिक्स के देशों ने शनिवार को मिलकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जमकर निंदा की. इस हमले में 22 अप्रैल को 26 मासूम लोगों की जान गई थी और कई लोग जख्मी हुए थे. ब्रिक्स देशों ने इस हमले को पूरी तरह से गलत और अपराधिक बताया है.
इन देशों के मंत्रियों ने एक साझा स्टेटमेंट जारी कर कहा कि वे पहलगाम के इस हमले की सख्त निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का हर रूप गलत है, चाहे वो सीमा के पार से आए, इसे पैसा दिया जाए या आतंकियों को छुपने की जगह दी जाए.
मंत्रियों ने एक अहम बात कही कि आतंकवाद को किसी धर्म, जाति या देश से नहीं जोड़ना चाहिए. उनका कहना है कि जो भी लोग आतंकी काम करते हैं या उनकी मदद करते हैं, उन्हें अपने देश और इंटरनेशनल कानूनों के हिसाब से सजा मिलनी चाहिए.
ब्रिक्स देशों ने यह भी कहा कि आतंकवाद के मामले में कोई छूट नहीं होनी चाहिए. उन्होंने दुनिया के देशों से कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरी नीति न अपनाएं.
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देशों की जिम्मेदारी
मंत्रियों ने बताया कि आतंकवाद से लड़ने की मुख्य जिम्मेदारी हर देश की सरकार की है. लेकिन यह लड़ाई संयुक्त राष्ट्र के नियमों और इंसानी अधिकारों के हिसाब से होनी चाहिए. उन्होंने यूएन से कहा है कि आतंकी गुटों के खिलाफ और तेजी से कदम उठाए जाएं.
SCO ने भी की थी निंदा
इससे पहले सितंबर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के नेताओं ने भी पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी. हालांकि उन्होंने पाकिस्तान का नाम साफ तौर पर नहीं लिया था. भारत हमेशा से पाकिस्तान पर आरोप लगाता रहा है कि वो आतंकी संगठनों को पनाह देता है.
वैश्विक एकता की जरूरत
ब्रिक्स और दूसरे संगठनों का यह साझा बयान दिखाता है कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया के देश एकजुट हैं. यह एक अच्छा कदम है जो न्याय दिलाने और आतंकवाद को खत्म करने की दिशा में उठाया गया है.