गुरुवार रात बांग्लादेश में हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए. सिंगापुर में कट्टर भारत-विरोधी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन और हिंसा भड़क उठी. मीडिया हाउसों, सांस्कृतिक केंद्रों और यहां तक कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास को भी आग के हवाले कर दिया गया. दंगाइयों ने एक हिंदू व्यक्ति को ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार दिया गया और बाद में चौराहे पर लटकाकर जला दिया गया.
पिछले हफ्ते 12 दिसंबर को ढाका में बाइक सवार नकाबपोश हमलावरों ने उस्मान हादी को गोली मारी थी. इस हमले का मुख्य आरोपी और कथित शूटर फैसल करीम है. जांच में सामने आया है कि गोलीबारी से एक रात पहले फैसल ने अपनी गर्लफ्रेंड से कहा था कि 'कुछ ऐसा होने वाला है, जो पूरे बांग्लादेश को हिला देगा.'
गोली लगने के बाद हादी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मोहम्मद यूनुस प्रशासन की निगरानी में उन्हें एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इसके बाद बांग्लादेश में हालात बेहद खराब हो गए हैं. फरवरी 2026 में प्रस्तावित चुनावों से पहले बांग्लादेश अराजकता की गिरफ्त में आ गया है.
बांग्लादेशी जांच एजेंसियों के अनुसार, ढाका के बाहरी इलाके सावर के एक रिजॉर्ट में ठहरे फैसल ने अपनी करीबी सहयोगी और गर्लफ्रेंड मारिया अख्तर लीमा से कहा था कि अगले दिन 'पूरे देश को झकझोर देने वाली' घटना होगी. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, फैसल ने उसे हादी का एक वीडियो भी दिखाया था. जांचकर्ताओं का कहना है कि यह बयान बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है.
जांच में सामने आया है कि यह हमला एक संगठित साजिश का नतीजा था. पुलिस के मुताबिक, एक पूर्व काउंसलर को इसका मास्टरमाइंड माना जा रहा है और कम से कम 20 लोग फंडिंग, हथियारों की व्यवस्था, हमले और फरार होने में शामिल थे. अब तक रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
छापेमारी के दौरान हथियार, गोलियां, मैगजीन और करोड़ों टका के चेक बरामद किए गए हैं. पुलिस ने बताया कि हमले में इस्तेमाल बाइक पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी और सबूत मिटाने के लिए नंबर प्लेट बदली गई.
हालांकि कई गिरफ्तारियां हुई हैं, लेकिन फैसल करीम और उसके साथ गोली चलाने वाले आरोपी अब भी फरार हैं. कुछ बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स में उनके भारत भागने के दावे किए गए, लेकिन ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा है कि इसकी कोई पुख्ता पुष्टि नहीं है. बावजूद इसके, अंतरिम प्रशासन ने भारत से आरोपियों को गिरफ्तार कर सौंपने की अपील की है.