बांग्लादेश सेना के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद नाज़िम-उद-दौला ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर भारत की ओर से अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) को सौंपने को अस्वीकार्य करार दिया है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सरकार के आदेश पर सेना हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है.
ब्रिगेडियर जनरल दौला की ओर से ये टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत की ओर से अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को बीजीबी को सौंपा जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 में भारत ने 295 अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजा था. अप्रैल 2025 से इस साल अब तक 100 अवैध बांग्लादेशियों को बीजीबी को सौंपा गया है.
उन्होंने कहा कि फिलहाल बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) मामले को अच्छे तरीके से संभाल ले रही है. लेकिन जरूरत पड़ी तो सेना तैयार है.
भारत में बढ़ती अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ
भारत में सरकार के 2016 के अनुमान के अनुसार, भारत में करीब दो करोड़ अवैध बांग्लादेशी रह रहे हैं.
हाल के ही महीनों में भारत के कई प्रमुख शहरों - जयपुर, अहमदाबाद और सूरत से सैकड़ों बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को हिरासत में लिया है. ये लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे थे.
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मामला क्यों संवेदनशील है?
बांग्लादेश का कहना है कि अवैध नागरिकों को कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए वापस भेजा जाना चाहिए. ना कि सीमा पर जबरन ढकेलकर. बांग्लादेश सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ले. जनरल (रि.) जहांगीर आलम ने हाल में ही कहा था कि भारत और बांग्लादेश को इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर हल करना चाहिए.
सेना और सरकार में कोई मतभेद नहीं: बांग्लादेश सेना
ब्रिगेडियर जनरल दौला ने सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मां और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच मतभेद की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि सरकार के साथ हर कदम पर सेना एकजुट है. सरकार और सेना में तालमेल बना हुआ है.
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भारत-बांग्लादेश सीमा पर हालात
भारत बांग्लादेश के साथ सबसे लंबा सीमा साझा करता है. दोनों देश की सीमा 4,096 किलोमीटर लंबी है. अब तक 3,232 किलोमीटर सीमा पर बाड़ लग चुकी है. बांग्लादेश सरकार भारत द्वारा सीमा पर बाड़ लगाए जाने का विरोध करते आया है. हालांकि, सुरक्षा को लेकर भारत सरकार तेजी से बाढ़ लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है.