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एअर इंडिया क्रैश: अहमदाबाद हादसे में चार परिवारों ने बोइंग और हनीवेल पर अमेरिका में किया केस

यह हादसा जून में अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के टेकऑफ के तुरंत बाद हुआ था. विमान में 229 यात्री और 12 क्रू थे, लेकिन केवल एक यात्री ही बच पाया. अब चार पीड़ित परिवारों ने अमेरिका में बोइंग और हनीवेल पर केस किया है, आरोप है कि खराब फ्यूल कटऑफ स्विच की वजह से हादसा हुआ.

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एअर इंडिया का विमान अहमदाबाद में उड़ान के तुरंत बाद क्रैश कर गया था. (File Photo)
एअर इंडिया का विमान अहमदाबाद में उड़ान के तुरंत बाद क्रैश कर गया था. (File Photo)

अहमदाबाद में जून महीने हुए एअर इंडिया के बड़े विमान हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई थी. अब इन पीड़ितों के परिवारों ने अमेरिका के डेलावेयर सुपीरियर कोर्ट में विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग और पार्ट्स सप्लायर हनीवेल के खिलाफ केस दर्ज कराया है. यह केस मंगलवार को दायर किया गया और हादसे में जान गंवाने वालों के लिए न्याय की मांग की गई है. साथ ही, यह सवाल भी उठा है कि आखिर इस हादसे की असली वजह क्या थी, क्योंकि जांच अभी जारी है.

परिवारों का आरोप है कि फ्यूल कटऑफ स्विच, जिसे हनीवेल ने डिजाइन किया और बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में लगाया गया, वही इस हादसे की असली वजह बना. उनका कहना है कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही इंजन ने अचानक थ्रस्ट खो दिया, क्योंकि यह स्विच सही तरीके से काम नहीं कर रहा था. यह केस टेक्सास की लानियर लॉ फर्म संभाल रही है. केस करने वाले परिवार भारत और यूके के नागरिक हैं और इनमें कांता बेन धीरुभाई पाघडाल, नाव्या चिराग पाघडाल, कुबरभाई पटेल और बाबीबेन पटेल के परिजन शामिल हैं.

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यह फ्लाइट लंदन गैटविक जा रही थी और इसमें 229 यात्री और 12 क्रू सदस्य सवार थे लेकिन यह हादसा इतना गंभीर था कि केवल एक ही यात्री जिंदा बच पाया. इतना ही नहीं, विमान जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ के बाद क्रैश हुआ तो जमीन पर भी 19 लोगों की मौत हो गई.

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परिवारों का दावा – 'इनएडवर्टेंट फ्यूल कटऑफ'

परिवारों ने कहा कि फ्यूल कटऑफ स्विच का लॉकिंग मैकेनिज्म या तो खराब था या गायब. यह मैकेनिज्म इसलिए होता है ताकि गलती से स्विच हिल न पाए और सुरक्षित रहे. केस में दावा किया गया कि डिजाइन ऐसा था कि कॉकपिट में सामान्य गतिविधि के दौरान भी यह स्विच गलती से मूव हो सकता था.

फाइलिंग में कहा गया, "बोइंग और हनीवेल को इस खतरे के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया." इसमें 2018 की यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) की एडवाइजरी का जिक्र भी है, जिसमें ऑपरेटर्स को स्विच की जांच करने को कहा गया था. हालांकि, यह जांच अनिवार्य नहीं थी और परिवारों का आरोप है कि एअर इंडिया ने यह जांच कभी नहीं की.

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विमान क्रैश मामले की जांच अभी जारी

भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने अभी अंतिम रिपोर्ट नहीं दी है. हालांकि, जुलाई में जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि टेकऑफ के तुरंत बाद इंजन का फ्यूल फ्लो बंद हो गया था. कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग में भी पायलट्स की कन्फ्यूजन दर्ज हुई.

जुलाई में यूएस एफएए एडमिनिस्ट्रेटर ब्रायन बेडफोर्ड ने कहा था कि उन्हें भरोसा है कि इस हादसे के पीछे न तो कोई मैकेनिकल खराबी थी और न ही फ्यूल कंट्रोल सिस्टम का गलती से मूव होना. कई एविएशन एक्सपर्ट्स ने भी कहा कि फ्यूल कटऑफ स्विच लोकेशन और डिजाइन के कारण गलती से फ्लिप होना संभव नहीं है.

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