अयोध्या में सरयू एस्क्सप्रेस ट्रेन में महिला हेड कॉन्स्टेबल पर हमला मामले में नई जानकारी सामने आई है. अस्पताल में भर्ती महिला कॉन्स्टेबल से पूछताछ में पता चला है कि ट्रेन में सीट पर बैठने को लेकर उसका कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था. इसी के बाद उसपर जानलेवा हमला हुआ. इससे पहले जानकारी मिली थी कि हमलावरों की संख्या दो थी. पुलिस ने उन दो संदिग्धों के सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए थे. हालांकि, वारदात के 20 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. यूपी STF भी शिद्दत से हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है. उनपर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया है.
तो क्या ट्रेन में सीट पर बैठने को लेकर हुआ था विवाद?
बता दें कि 30 अगस्त को महिला कॉन्स्टेबल खून से लथपथ और बेहोशी की हालत में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी में सीट के नीचे मिली थी. जिसके बाद उसे लखनऊ केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया. उसके सिर, चेहरे समेत शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट के निशान थे. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और रेलवे व सरकार के अधिकारियों को तलब किया था.
होश में आने के बाद महिला कॉन्स्टेबल ने बीते हफ्ते पुलिस अफसरों को बताया कि उस पर दो लोगों ने हमला किया था. हालांकि, उस वक्त वो ज्यादा डिटेल नहीं दे पाई. लेकिन अब पूछताछ में उसने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक, सरयू एक्सप्रेस में महिला कॉन्स्टेबल पर जानलेवा हमला सीट पर बैठने को लेकर हुए विवाद की वजह से हुआ था. ऐसे में अब STF की टीमें मनकापुर से अयोध्या आने वाले 150 से अधिक लोगों से पूछताछ कर हमलावरों की तलाश में जुट गई है.
बताया जा रहा है कि महिला कॉन्स्टेबल ऊपर वाली सीट पर लेटी थी जिसको लेकर दोनों हमलावरों से उसका मनकापुर स्टेशन में ही झगड़ा हुआ था. ट्रेन जब मनकापुर से अयोध्या के लिए निकली, 10 मिनट के बाद ट्रेन ने स्पीड पकड़ी तभी दोनों हमलावरों ने महिला कॉन्स्टेबल पर हमला कर दिया.
STF को जांच में क्या पता चला?
महिला कॉन्स्टेबल के अनुसार, हमलावर दो थे. इसी के आधार पर STF की टीम ने मनकापुर और अयोध्या रेलवे स्टेशन में एक साथ नजर आ रहे हैं दो लोगो को चिन्हित कर पूछताछ भी की है. पुलिस अब तक करीब 175 संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है. अयोध्या रेलवे ओवर ब्रिज पर नजर आए दोनों संदिग्धो को भी तलाशा जा रहा है. हालांकि, क्रिमिनल पैटर्न को समझने वाली STF यह भी जान रही है की पुलिस की वर्दी में किसी भी महिला कॉन्स्टेबल पर हमला करने के बाद कोई भी हमलावर रेलवे स्टेशन पर उतरने की गलती नहीं करेगा.
सीसीटीवी की जांच में भी अयोध्या रेलवे स्टेशन पर सरयू एक्सप्रेस के उस डिब्बे से किसी भी यात्री का उतरना दिखाई नहीं पड़ता है. ऐसे में शक है कि दोनों हमलावर अयोध्या रेलवे स्टेशन के आउटर पर जहां ट्रेन की स्पीड 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हो जाती है वहीं चलती ट्रेन से नीचे उतर गए होंगे.
कैसे बढ़ रही आगे की जांच?
इस केस की जांच में लगी टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती रेलवे प्लेटफार्म और रेलवे स्टेशन के बाहर सीसीटीवी की निगरानी का ना होना भी है. मनकापुर रेलवे स्टेशन जहां सरयू एक्सप्रेस रूकती है और ट्रेन का वह डिब्बा, जिसमें महिला कॉन्स्टेबल पर जानलेवा हमला हुआ, वहां कोई भी सीसीटीवी नहीं लगा था. अयोध्या रेलवे स्टेशन पर भी बाहर जाने वाले रास्ते सीसीटीवी से लैस नहीं है, जिसकी वजह से ओवर ब्रिज पर नजर आ रहे दोनों संदिग्ध अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उतर कर कहां, किस दिशा में गए, किस गाड़ी से गए पता नहीं चल पाया है.
पुलिस अब एक तरफ अयोध्या रेलवे ओवरब्रिज पर नजर आ रहे दोनों संदिग्धों की तलाश में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या रेलवे स्टेशन के आउटर पर घटना वाली सुबह नजर आने वाले संदिग्धों को भी तलाश रही है. पुलिस ने सर्विलांस के साथ-साथ मुखबिरों को भी सक्रिय किया है. मनकापुर से अयोध्या के बीच करीब 200 गांवो में पुलिस की टीमें मुखबिरों के जरिए हमलावरों को तलाश रही है. फिलहाल महिला कॉन्स्टेबल का इलाज केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में चल रहा है.