समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी की अंबेडकर वाहिनी बैठक में पहुंचे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वो गांव-गांव जाकर दलित समाज को जोड़ने के अभियान में काम करें. 2024 का लोकसभा चुनाव जातीय जनगणना के मुद्दे पर होगा. बिहार के बाद कांग्रेस ने भी राजस्थान के चुनाव में जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर दिया है. यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है.
अंबेडकर वाहिनी बैठक में अखिलेश यादव ने कहा, जब कांग्रेस की सरकार थी और दक्षिण भारत के जितने नेता थे, सबने जाति के आधार पर जनगणना की मांग की थी. उस समय की सरकार ने गिनती की. मगर, आंकड़े कभी बाहर नहीं आए. बिहार में जाति जनगणना का काम किया गया है. वह ऐतिहासिक काम है. जातिवार जनगणना होनी चाहिए, सामाजिक न्याय तभी संभव है.
'जाति जनगणना के बाद सब सम्मान के साथ जी सकेंगे'
कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जाति को लेकर किताब लिखी है. डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने किताब लिखी है 'जातिवाद तोड़े'. हमारे समाज में कई ऐसे महापुरुष हैं जो जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए लड़े हैं. जाति जनगणना के बाद समाज में सब सम्मान के साथ जी सकेंगे. जितना सामाजिक न्याय हम देने में काबिल होंगे, उतना ही समाज हमारा हक से जिएगा.
'कांग्रेस पार्टी भी जाति जनगणना के पक्ष में, यह चमत्कार'
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि यह एक चमत्कार है कि कांग्रेस पार्टी भी जाति जनगणना के पक्ष में है. अब जाति जनगणना करनी ही पड़ेगी और अगला चुनाव जाति की जनगणना पर ही होगा. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को बचाने की लड़ाई है. यह बात भी रखी जाएगी कि बिना जाति जनगणना के संविधान की लड़ाई संभव नहीं है.
'जो सांड नहीं हटा पा रहे हैं वो क्या गड्ढा हटाएंगे'
वहीं, गड्ढा मुक्त सड़कों पर अखिलेश यादव ने कहा कि जब-जब सरकार कहती है गड्ढा मुक्त, तब-तब इंजीनियर और ठेकेदार खुश होते है. ये लोग गड्ढा क्या हटाएंगे. जब सांड नहीं हटा पा रहे हैं.