यूपी के कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी इन दिनों एक महिला के प्लाट पर आगजनी करने के मामले में जेल में बंद हैं. इस मामले में अब बड़ी बात सामने आई है. सीडीआर (Call Detail Record) में पता चला है कि वारदात के वक्त इरफान और रिजवान के मोबाइल घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर थे. इस पर पुलिस का कहना है कि आरोपी जानबूझकर अपने मोबाइल घटनास्थल पर नहीं ले गए थे.
दरअसल, कानपुर में एक महिला के प्लाट पर आगजनी करने के मामले में इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी की तरफ से सीडीआर लोकेशन को जांच में शामिल करने की अर्जी दी गई थी. इस पर लोकेशन रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई. इसके मुताबिक, जिस वक्त आगजनी की घटना हुई, उस समय इरफान और रिजवान दोनों के मोबाइल घटना के कई किलोमीटर दूर थे.
घटना के समय लखनऊ के आसपास था रिजवान
सीडीआर के मुताबिक, 7 नवंबर 2022 को घटना के समय दोनों की ही मोबाइल लोकेशन घटनास्थल के आसपास की नहीं है. रिजवान के मोबाइल की लोकेशन दोपहर लगभग तीन बजे के आसपास लखनऊ पाई गई. इसके बाद लगातार लखनऊ और उसके आसपास ही रही है.
'दोनों जानबूझकर नहीं ले गए थे मोबाइल'
हालांकि, इस मामले में पुलिस का कहना है कि इरफान और रिजवान अपने फोन जानबूझकर दूसरी जगह छोड़कर आए थे. ताकि सीडीआर लोकेशन जब कोर्ट में पेश की जाए तो उनकी लोकेशन वहां न दिखाई दे. कोर्ट का समय बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है.
'सीडीआर में हमेशा टावर की लोकेशन आती है'
बचाव पक्ष के ही गवाह ने कोर्ट में यह माना है कि इरफान और रिजवान ने जानबूझकर अपने फोन लोकेशन पर नहीं रखे. उसके फोन से कॉल की थी. वहीं, इरफान के वकील ने यह सवाल उठाया कि सीडीआर में कैसे कंपनी ने पहले लोकेशन कॉलम में उत्तर प्रदेश लिखकर भेज दिया. जबकि सीडीआर में हमेशा टावर की लोकेशन आती है. इसके पीछे उन्होंने साजिश होने की बात कही.
अब बचाव पक्ष को कोर्ट में साबित करना होगा कि घटनास्थल पर इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी खुद मौजूद नहीं थे. दूसरी तरफ पुलिस को भी अपनी जांच के आधार पर सबूत देने होंगे कि जब घटना हुई तब इरफान और रिजवान मौके पर थे.