उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उप चुनाव से पहले एनडीए की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही हैं. मिर्जापुर की मझवां सीट पर भाजपा द्वारा उम्मीदवार खड़ा करने के बाद निषाद पार्टी में बगावत हो गयी है. यह सीट निषाद पार्टी के कोटे में नहीं आने से उसके पदाधिकारी और कार्यकर्ता नाराज हैं. कई कार्यकर्ताओं ने निषाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. प्रदेश सचिव संतोष कुमार निषाद ने दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी.
संतोष कुमार निषाद ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद पर परिवावाद को बढ़ावा देने और पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पार्टी निषाद समाज के उत्थान के लिए बनाई गई है. मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद अपने मन से पार्टी चला रहे हैं. पदाधिकारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. पार्टी से संबंधित निर्णय लेने की जिम्मेदारी कोर कमेटी की होती है, मगर संजय निषाद अपने मन से सारे फैसले ले रहे हैं. कार्यकर्ताओं को छोड़कर परिवार और अपने लोगों का ध्यान रख रहे हैं.
संतोष कुमार निषाद ने कहा कि मझवां विधानसभा सीट पर पार्टी ने पुष्पलता बिंद को टिकट देने का आश्वसन दिया था. लेकिन संजय निषाद ने सीट बीजेपी के लिए छोड़ दी, जबकि पुष्पलता बिंद ने निषाद पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है. अब हम लोग बैठककर अपना फैसला लेंगे. हम लोग अभी कोई काम नहीं करेंगे. संतोष कुमार निषाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमारा आरक्षण नहीं दे रही है, हमारी सीट छीनी जा रही है. संजय निषाद को हम लोगों ने बनाया, तो उन्हें भी पार्टी कार्यकर्ताओं की अहमियत समझनी चाहिए.
मझवां विधानसभा सीट 2022 में निषाद पार्टी के खाते में गयी थी. यहां से विनोद कुमार बिंद चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. लोकसभा चुनाव 2024 में विनोद कुमार बिंद को भाजपा ने भदोही से टिकट दिया और वह जीतकर सांसद बने. इसके बाद उन्हें यूपी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा, जिस कारण मझवां सीट खाली हुई और यहां उप चुनाव कराना पड़ा. बीजेपी ने उप चुनाव में मझवां से इस बार अपना उम्मीदवार उतारा है. सुचिस्मिता मौर्य यहां से चुनाव लड़ रही हैं.