उत्तर प्रदेश में अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है. शासन ने पीसीएस अधिकारी अरविंद कुमार सिंह को निलंबित (Suspend) कर दिया है.
अरविंद कुमार सिंह को 30 मई 2025 को बिजनौर से देवरिया जिले में ADM (वित्त एवं राजस्व) के पद पर स्थानांतरित किया गया था. उन्हें 3 जून को बिजनौर के जिलाधिकारी द्वारा कार्यमुक्त भी कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने नई तैनाती स्थल पर अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया. साथ ही, लगातार संपर्क से बाहर रहते हुए मोबाइल स्विच ऑफ कर रखा था.
देवरिया में बाढ़ का संकट, ADM का पद बना रहा खाली
देवरिया जिला उत्तर प्रदेश के संवेदनशील और बाढ़ग्रस्त जिलों में से एक है. यहां सरयू और राप्ती नदियों की वजह से हर वर्ष दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा बना रहता है. ADM (वित्त एवं राजस्व) का पद आपदा प्रबंधन, राहत कार्य, राजस्व नियंत्रण और वित्तीय योजनाओं के संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है.
देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने शासन को पत्र भेजकर इस पद की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया था. पत्र में कहा गया कि लगभग 40 दिन से ADM का पद रिक्त है, जिससे बाढ़ प्रबंधन और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इसके बावजूद अरविंद कुमार सिंह ने न तो नई तैनाती स्थल पर योगदान दिया और न ही कोई सूचना शासन को दी.
रिलीव होने के बाद मोबाइल भी बंद
सूत्रों के अनुसार, अरविंद कुमार सिंह रिलीव होने के बाद से ही मोबाइल बंद करके चल रहे थे. माना जा रहा है कि वह बिजनौर या उसके आस-पास की ही तैनाती चाहते थे, इसलिए उन्होंने देवरिया ज्वाइन नहीं किया. जबकि सरकार द्वारा स्थानांतरण नीति के तहत तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर उनका ट्रांसफर किया गया था. अरविंद कुमार सिंह 2012 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मूल निवासी बताए जाते हैं. लंबे समय तक बिजनौर में ADM पद पर रहने के बाद उनका तबादला एक सामान्य प्रक्रिया के तहत किया गया था.
जिम्मेदारी से भागने पर होगी सख्त कार्रवाई
नियुक्ति विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अधिकारी ने स्थानांतरण नीति की अवहेलना की है, और शासन के आदेशों की अनदेखी करना एक गंभीर प्रशासनिक अपराध है. सरकार ने यह संदेश भी दिया है कि ऐसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी, चाहे वह कोई भी अधिकारी क्यों न हो. शासन के आदेशों की अवहेलना, पदभार ग्रहण से इनकार और आपदा प्रबंधन जैसे संवेदनशील कार्यों में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अरविंद कुमार सिंह का इस तरह से ट्रांसफर के बाद नई पोस्टिंग को टालना, मोबाइल बंद रखना और किसी भी माध्यम से संपर्क में न आना एक तरह की जानबूझकर की गई प्रशासनिक उपेक्षा के रूप में देखा जा रहा है.
अन्य अफसरों के लिए संदेश
योगी सरकार की इस कार्रवाई को नौकरशाही के भीतर एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि अब सिस्टम में लापरवाही, स्थानांतरण में आनाकानी या निजी पसंद के आधार पर नियुक्ति टालने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही से समझौता नहीं किया जाएगा, और सभी अधिकारियों को समय पर अपनी जिम्मेदारियां निभानी होंगी.