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रेलवे ट्रैक पर सिर कटी लाश, मोबाइल गायब... लखनऊ में दारोगा की मौत पर उठ रहे सवाल; 4 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली

लखनऊ में दारोगा ध्यान सिंह यादव की मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है. उनका सिर कटा शव रेलवे ट्रैक पर मिला था. शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है, लेकिन दारोगा का मोबाइल और अन्य सामान गायब होने से कई सवाल उठ रहे हैं.

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लखनऊ में दारोगा की मौत की गुत्थी अनसुलझी
लखनऊ में दारोगा की मौत की गुत्थी अनसुलझी

लखनऊ में दारोगा ध्यान सिंह यादव की मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है. उनका सिर कटा शव रेलवे ट्रैक पर मिला था. शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है, लेकिन दारोगा का मोबाइल और अन्य सामान गायब होने से कई सवाल उठ रहे हैं. फिलहाल, अब नजरें CDR रिपोर्ट पर टिकी हैं. उससे कई खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है. 

फिलहाल, पुलिस हर एंगल से जांच-पड़ताल में जुटी हुई है. मृतक दारोगा के मोबाइल की तलाश की जा रही है. मोबाइल नंबर से कॉल डिटेल खंगाली जा रही है. पत्नी और परिजनों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे. क्योंकि, दारोगा की मौत में बड़ा सवाल यही है कि क्या वाकई यह आत्महत्या है, या इसके पीछे कोई साजिश है.

ये भी पढ़ें- लखनऊ में दारोगा की सिर कटी लाश मिलने से हड़कंप, रेलवे ट्रैक पर मिली क्षत-विक्षत डेड बॉडी; पत्नी है सिपाही

वहीं, इस पूरे मामले में DCP साउथ जोन केशव कुमार ने कहा कि हर अहम बिंदु पर जांच की जा रही है. शव के पास मोबाइल नहीं मिला है. CDR रिपोर्ट निकालने के बाद जांच की जाएगी कि आखिरी बार बात किससे हुई और किन-किन लोगों से मृतक का संपर्क था. कॉल रिकॉर्ड आने पर आगे की कड़ी जोड़ी जा सकेगी. 

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इन बिदुओं पर भी जांच 

मोबाइल फोन का सर्विलांस- दारोगा ध्यान सिंह यादव ने आखिरी बार किससे बात की. 
पारिवारिक या ऑफिशियल तनाव- दारोगा पर कोई व्यक्तिगत या पेशेवर दबाव तो नहीं था. 
साजिश की आशंका- शव के पास ना मोबाइल मिला और अन्य कोई सामान, ऐसे में साजिश से इनकार नहीं. 

जानिए पूरी कहानी 

आपको बता दें कि लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में बीते बुधवार को पुलिस मुख्यालय में तैनात दारोगा ध्यान सिंह यादव की लाश रेलवे ट्रैक पर मिलने से सनसनी फैल गई थी.पुलिस का दावा है कि यह आत्महत्या का मामला है, लेकिन कई सवाल अभी अनसुलझे हैं. 

मृतक दारोगा 2015 बैच के अधिकारी थे. बुधवार सुबह घर से शेविंग कराने की बात कहकर निकले थे. लेकिन वापस नहीं लौटे. इस बीच उनका शव बक्कास रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर मिला. इसके अगले दिन यानी गुरुवार को परिजनों ने शव की पहचान की. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण एंटीमार्टम इंजरी और शॉक्ड हेमरेज बताया गया. 

रिपोर्ट्स की माने तो घर से निकलने के बाद ध्यान सिंह अपने निर्माणाधीन मकान पर गए थे, जहां उन्होंने मजदूरों को पैसे दिए. इस दौरान उनकी किसी से फोन पर लंबी बहस हुई. फिलहाल, पुलिस कॉल डिटेल निकलवा रही है. 
 
वहीं, मामले की जांच-पड़ताल के दौरान लोको पायलट के बयान के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि ट्रेन के सामने कूदकर ध्यान सिंह ने अपनी जान दी. हालांकि, घटनास्थल से उनका मोबाइल और अन्य सामान का गायब हो जाना इस मामले को संदिग्ध बना रहा है. 

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जानकारी के मुताबिक, दारोगा ध्यान सिंह मूलरूप से कौशांबी के रहने वाले थे और लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में पोस्टेड थे. हाल ही में उनका जालौन ट्रांसफर हो गया था. वो जालौन जाने की तैयारी में थे. लेकिन उससे पहले ही दर्दनाक घटना हो गई. उनकी पत्नी भी पुलिस मुख्यालय में सिपाही के पद पर तैनात हैं.

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