गोरखपुर में एक वरिष्ठ भाजपा नेता की चार दशक पुरानी दुकान पर अचानक बुलडोजर चलने से हड़कंप मच गया. उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य और भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के उपाध्यक्ष चिरंजीवी चौरसिया ने आरोप लगाया कि एक भू-माफिया ने पुलिस बल का दुरुपयोग कर उनकी दुकान जमींदोज कर दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि यह मकान मालिक और किरायेदार के बीच का मसला है.
1980 से चला रहे थे दुकान
चिरंजीवी चौरसिया ने बताया कि 1980 से वह किराए पर दुकान लेकर व्यापार कर रहे थे. आरोप है कि हाल ही में एक व्यक्ति ने विवादित तरीके से उस जमीन की खरीद-फरोख्त की और पुलिस की मदद से रातों-रात दुकान ढहा दी. आंखों में आंसू लिए वह कहते हैं कि मेरी वर्षों पुरानी दुकान उजाड़ दी गई, उसमें रखे करीब 10 हजार रुपये के कागज भी लूट लिए गए.
कैमरे के सामने रो पड़े नेता
भाजपा नेता सीधे एसएसपी कार्यालय पहुंचे और परिसर में ही धरने पर बैठ गए. इस दौरान उनकी आंखें भर आईं और कैमरों के सामने फफक पड़े. कहते हैं कि 56 साल से भाजपा का झंडा उठाया. कभी किसी ने दुकान खाली कराने की हिम्मत नहीं की. लेकिन आज, जब हमारी ही सरकार है और मैं आयोग का सदस्य हूं, तब मेरी दुकान जमींदोज कर दी गई.
स्थानीय पुलिस पर सवाल
चिरंजीवी ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध है.अगर पुलिस चाहती तो बुलडोजर कभी नहीं चलता. सब कुछ मिलीभगत से हुआ है. धरने के दौरान व्यापार मंडल, भाजपा कार्यकर्ता और नगर निगम के पार्षद भी बड़ी संख्या में पहुंच गए और समर्थन में नारेबाजी की.
व्यापारियों की चेतावनी
गोरखपुर व्यापार मंडल ने घटना की निंदा करते हुए चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा. व्यापारियों का कहना है कि अगर आयोग का सदस्य ही असहाय है तो आम दुकानदार का क्या होगा. वहीं इस मामले में गोरखपुर पुलिस के एसएसपी राज करण नैयर ने बताया की चिरंजीव चौरसिया द्वारा प्राप्त तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.