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कानपुर में ‘नाककटवा’ की दहशत… आधा दर्जन लोगों की कट चुकी है नाक, पीड़ितों ने बताई पूरी कहानी

कानपुर के एक गांव में इन दिनों अजीबोगरीब खौफ की कहानी सामने आ रही है. गांव में एक ऐसा शख्स है, जिसे लोग 'नाककटवा' कहने लगे हैं. आरोप है कि झगड़ा होने पर वो सामने वाले की नाक या उंगली काट लेता है. दो साल में आधा दर्जन से ज्यादा लोग इसका शिकार बन चुके हैं. अब तंग आकर पीड़ित डीएम ऑफिस तक पहुंच गए, जिसको लेकर जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. आखिर ये पूरी कहानी क्या है.

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जिलाधिकारी के पास शिकायत करने पहुंचे पीड़ित. (Photo: ITG)
जिलाधिकारी के पास शिकायत करने पहुंचे पीड़ित. (Photo: ITG)

यूपी में कानपुर के गांव में इन दिनों दहशत का नाम कोई जंगली जानवर या चोर गिरोह नहीं, बल्कि एक इंसान है, जिसे लोग ‘नाककटवा’ कहते हैं. गांव में जब भी किसी विवाद या झगड़े की नौबत आती है, यह शख्स सामने वाले की नाक या उंगली दांतों से काट लेने पर उतारू हो जाता है. अब तक आधा दर्जन से ज्यादा लोग उसकी इस हरकत का शिकार हो चुके हैं. यह कहानी जितनी अजीब लगती है, उतनी ही सिहरन पैदा करने वाली भी है.

कहानी किसी अफवाह की नहीं, बल्कि एक ऐसे आदमी की है, जिसका नाम है अलवर. गांव वालों का कहना है कि अगर उससे किसी का विवाद हो जाए, मामूली कहासुनी भी हो, तो वह सीधे चेहरे पर टूट पड़ता है… और सामने वाले की नाक काट लेता है.

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दो साल में आधा दर्जन लोगों की नाक काट चुका!

पीड़ित दिवारी लाल और उनके भाई अवधेश शिकायत लेकर कानपुर डीएम दफ्तर पहुंचे. चेहरे पर पट्टी, आंखों में गुस्से के साथ डर... दिवारी लाल ने कहा कि साहब, वो (अलवर) नशे में धुत होकर लड़ाई झगड़ा करता है और सीधा नाक पर हमला करता है. मेरी भी नाक काट ली, भाई की भी. कुल्हाड़ी से भी हमला किया. दो साल में वो पांच-छह लोगों की नाक काट चुका है.

उनके साथ ही खड़े थे उमेश, जिनकी कहानी दो साल पुरानी है. उन्होंने कहा कि मैंने भी केस किया था उसके खिलाफ. उसने मेरी नाक और उंगली काटी थी. जेल भी गया था… पर बाहर आते ही फिर वही शुरू कर दिया.

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गांव वालों के मुताबिक, लोग अलवर से बात करने से भी डरते हैं. खेत में काम हो या कोई दूसरा रास्ता - अगर सामने से वो आता दिख जाए, तो कई लोग रास्ता बदल लेते हैं. गांव की महिलाएं कहती हैं कि बच्चों को अकेले बाहर नहीं भेजते… कहीं कुछ हो गया तो? नाककटवा कोई प्रेत या रहस्यमयी साया नहीं… बल्कि एक इंसान है, जो हिंसा को हथियार की तरह इस्तेमाल करता है.

प्रशासन ने क्या कहा?

इस सनसनीखेज मामले को लेकर जब पीड़ित डीएम से मिले तो उन्होंने जांच का भरोसा दिया. वहीं क्षेत्र के एसीपी अमरनाथ यादव ने कहा कि 19 अक्टूबर को दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी. दोनों की मेडिकल कराई गई और 151 की कार्रवाई हुई. नाक काटने की बात मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं है. लड़ाई में चोट हो सकती है.

इस बयान के बाद कई सवाल खड़े होते हैं. क्या सच में किसी की नाक काटी गई या सिर्फ चोट आई? आधा दर्जन लोग क्यों लगातार एक ही व्यक्ति पर आरोप लगा रहे हैं? लोग कहते हैं कि हम न बाघ से डरते, न भेड़िए से… पर इस इंसान से डरते हैं, जो इंसान का मांस तक चबा लेता है. क्या यह सिर्फ मारपीट का मामला है? या वाकई गांव में एक ऐसा व्यक्ति घूम रहा है, जो गुस्से में आकर नाक काटने से भी पीछे नहीं हटता?

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